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आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक डॉक्टर की तरह मिलेंगे लाभ, बस कैबिनेट की मुहर का इंतजार - AYUSH doctor case in jharkhand high court

झारखंड के हजारों आयुष चिकित्सकों को जल्द ही एलोपैथिक डॉक्टर की तरह लाभ मिलेंगे. संबंधित विभागों की ओर से इस प्रस्ताव को सहमति दे दी गई है. बस इस पर कैबिनेट की मुहर लगनी बाकी है. यह जानकारी झारखंड हाई कोर्ट में प्रदेश सरकार के सचिव नितिन मदन कुलकर्णी और हिमानी पांडे ने एक याचिक की सुनवाई में दी है.

AYUSH doctor will get benefits like allopathic doctors in Jharkhand
आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक डॉक्टर की तरह मिलेंगे लाभ

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Published : Nov 28, 2020, 10:06 PM IST

रांची:राज्य के हजारों आयुष चिकित्सकों को खुशखबरी मिली है. झारखंड सरकार के वित्त सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने झारखंड हाई कोर्ट को शपथ पत्र के माध्यम से बताया है कि, एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह सभी सुविधाएं आयुष चिकित्सकों को भी दी जाएगी. आयुष चिकित्सकों की वर्षों से लंबित मांग पर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद विभागों ने अपनी सहमति दे दी है. उन्होंने अदालत को बताया है कि कैबिनेट में मामला लंबित है, वहां से अनुमति मिलते ही शीघ्र सभी लाभ इन्हें दिया जाएगा. अदालत ने 15 जनवरी तक हाई कोर्ट को कैबिनेट के निर्णय से अवगत कराने को कहा है.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में धर्मेंद्र पाठक की अवमाननावाद याचिका की सुनवाई के दौरान पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में झारखंड सरकार के सचिव नितिन मदन कुलकर्णी और हिमानी पांडे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सक की भांति सभी सुविधाएं देने पर सहमति बन गई है. स्वास्थ्य विभाग वित्त विभाग और कार्मिक विभाग से फाइल आगे बढ़ कर कैबिनेट के लिए भेज दी गई है, जैसे ही कैबिनेट की अनुमति मिलती है, उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.ये भी पढ़ें-एक गांव जहां एक ही घाट पर बुझती है इंसान और जानवरों की प्यास


बता दें कि पूर्व में आयुष चिकित्सकों द्वारा एलोपैथिक चिकित्सक की भांति सभी सुविधा देने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को निर्णय लेने को कहा था. सरकार द्वारा इस पर निर्णय नहीं लिया गया. उसके बाद फिर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार से जवाब मांगा. सरकार की ओर से बताया गया कि सुविधा दी जाएगी. उसके बावजूद भी नहीं दी गई, फिर अदालत में अवमाननावाद याचिका दायर की गई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में सचिव को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था और पूछा गया था कि, हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानने का दोषी मानते हुए क्यों ना आप पर अवमाननावाद चलाया जाए? उसी के जवाब में सचिव ने अदालत को बताया कि विभाग से सहमति मिल गई है, शीघ्र ही आयुष चिकित्सक को एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति सभी सुविधाएं दी जाएंगी.

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