रांची: राजधानी में ऑटो चालकों द्वारा वसूले जा रहे हैं मनमाने भाड़े को देखते हुए रांची के रेलवे स्टेशन और हटिया स्टेशन पर प्रीपेड की व्यवस्था तो कर दी गयी है. लेकिन राजधानी के कई ऐसे रूट है जहां पर ऑटो चालक मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं. राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों पर चलने वाली ऑटो चालक यात्रियों से मनमाना किराया ले रहे हैं.
इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी में ऑटो से सफर करने वाले लोगों से बात की. लोगों ने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि ऑटो चालक मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं. कई ऐसे चालक भी हैं जो बिना मतलब के यात्रियों से 2 से 3 गुना भाड़ा वसूलते हैं. राजधानी के बूटी मोड़ से एयरपोर्ट तक का सफर करने के लिए यात्रियों को 100 से 150 रुपये देने पड़ रहे हैं जबकि इतनी दूरी का वाजिब भाड़ा मात्र 70 रुपया से 80 रुपया है.
ईटीवी भारत की टीम ने ऑटो स्टैंड का जायजा लिया तो पाया कि किसी भी ऑटो में फेयर चार्ट नहीं लगा हुआ है. जिस वजह से यात्रियों को भाड़ा की जानकारी नहीं हो पा रही है. इसको लेकर ऑटो चालकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए बताया कि सभी रूट का भाड़ा वह अपने स्तर से निर्धारित करने को मजबूर हैं. क्योंकि किसी भी यूनियन या फिर परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी के द्वारा भाड़ा निर्धारण नहीं किया गया है.
यूनियन को लेकर विरोधाभास पर ऑटो चालकों ने कहा कि यूनियन की भी स्थिति अच्छी नहीं है. सभी यूनियन से अवैध वसूली में लगे हुए हैं लेकिन ऑटो चालकों की परेशानी को लेकर वो कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहे हैं. डीजल ऑटो चालकों से पूछा कि ड्रेस कोड क्यों नहीं लागू हो पा रहा है तो चालकों ने बताया कि इसको लेकर अभी तक कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है. वहीं कई यात्रियों ने बताया कि ऑटो चालकों की मनमानी को देखने वाला कोई नहीं है.
डीजल ऑटो चालक संघ के नेता दिनेश सोनी ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा जो भरा तय किया गया है, उसमें ऑटो चालक और यूनियन से राय मशविरा नहीं लिया गया है. जिस वजह से किराया को लेकर विरोधाभास है. जिला प्रशासन ऑटो चालकों और ऑटो चालक संघ के नेताओं से बातचीत करके भाड़ा का निर्धारण करती तो ऑटो चालक निर्धारित भाड़ा ही यात्री से लेते. लेकिन जिला प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण ऑटो चालक यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं. ऐसे ऑटो चालकों पर यूनियन के तरफ से कार्रवाई की जाएगी क्योंकि यात्रियों का हित हमारे लिए जरूरी है.