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वार्ड में नाली के पानी से मरीजों के बेड बन गए टापू, रिम्स में छाते के सहारे मरीज बचाए गए - रिम्स

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में शनिवार को मरीजों की जो दुर्दशा हुई. वैसी दुर्दशा देखे आंखें नम हो जाएंगी. एक तो मरीज की चिंता में तीमारदार पहले ही परेशान है दूसरे रिम्स की व्यवस्था ठीक न होने से तीमारदारों के प्राण हलक तक आ गए. सीवर का सारा पानी सामान्य वार्द से इमरजेंसी वार्ड तक में भरा रहा. वहीं वार्डों में मरीजों को बचाने के लिए तीमारदारों को छाते का प्रयोग करना पड़ा.

Attendants rescued patients in RIMS with help of umbrella
वार्ड में नाली के पानी से मरीजों के बेड बन गए टापू

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Published : Jul 4, 2021, 1:51 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 4:47 PM IST

रांची:राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सुविधाओं की कलई एक बार फिर खुली. शनिवार को लगभग 2 घंटे तक मूसलाधार बारिश क्या हुई सारी अव्यवस्थाएं बेपर्दा हो गईं. रिम्स की जल निकासी व्यवस्था फिर धड़ाम हो गई. सीवर का पानी वार्डों में मरीजों के बिस्तर के नीचे बहता रहा. खिड़कियों और बालकनी से मरीजों पर बारिश की फुहारें पड़ती रहीं. जिससे मरीजों को बचाने के लिए कभी तीमारदार स्टाफ की मिन्नत करते नजर आए तो कभी मरीज को एक जगह से दूसरे जगह करने में भागदौड़ करते रहे.

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इमरजेंसी में भी बहता रहा नाले का पानी


मरीजों के परिजनों ने बताया कि बारिश तेज होने से बारिश की फुहार मरीजों पर आ रही थी. इससे मरीज का बेड भीगने लगा. उसकी हालत नाजुक थी, वह भीगता तो दिक्कत बढ़ने का खतरा था. इससे हम लोग अपने मरीज को बचाने के लिए कोने में ले गए. तेज बारिश के कारण उनके कई सामान भी वार्ड में बर्बाद हो गए. जुगल किशोर बताते ने बताया कि वार्डों में ही नहीं बल्कि इमरजेंसी की फर्श पर भी नाले का पानी बह रहा था, जिस वजह से काफी दिक्कतें हुईं. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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छाता लगाकर मरीज को बचाया

अस्पताल में अपने मरीज को भर्ती किए चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि शनिवार को हुई 2 घंटे की बारिश में मरीजों और परिजनों का जीना मुहाल हो गया. परिजन किसी तरह छाता लगाकर अपने मरीज को बचाने का प्रयास कर रहे थे.

वार्ड में नाली के पानी से मरीजों के बेड बन गए टापू

बारिश से भीगा बेड, मरीज फर्श पर करा रहे इलाज


बेड नहीं मिलने की वजह से फर्श पर अपने मरीज का इलाज करा रहे कलाम बताते हैं कि उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है. जब शनिवार को बारिश ने मरीज के बेड को पूरी तरह से भिगा दिया तो हमें अपने मरीज को जमीन पर सुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा. जब इसकी शिकायत वार्ड अटेंडेंट या फिर तैनात कर्मचारियों से की गई तो उन्होंने कुछ भी मदद नहीं किया. उन्होंने खुद ही मजबूर होने की बात कह दी.

वार्ड में नाली के पानी से मरीजों के बेड बन गए टापू

हर साल यही कहानी

गौरतलब है कि झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बारिश का मौसम आते ही पानी जमा होने की समस्या शुरू हो जाती है. हर वर्ष यही कहानी सामने आती है लेकिन इसको लेकर प्रबंधन कोई ठोस कदम नहीं उठाता.

वार्ड में नाली के पानी से मरीजों के बेड बन गए टापू
Last Updated : Jul 4, 2021, 4:47 PM IST

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