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अब्दुल माजिद का नेटवर्क खंगालने में जुटी झारखंड ATS, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का है करीबी

डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल माजिद को जमशेदपुर से गिरफ्तार किया गया है. माना जा रहा है कि झारखंड के कई शहर अभी भी आतंकियों के स्लीपर सेल के लिए सुरक्षित पनाहगार बने हुए हैं. इस चुनौती को देखते हुए झारखंड एटीएस की टीम देश की दूसरी जांच एजेंसियों के संपर्क में है. झारखंड एटीएस अब्दुल माजिद के नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी रही है.

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झारखंड में आतंक

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Published : Jan 1, 2021, 9:07 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 10:45 PM IST

रांची: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास सहयोगी अब्दुल माजिद के जमशेदपुर से गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर साबित हो गया है कि झारखंड के कई शहर अभी भी आतंकियों के स्लीपर सेल के लिए सुरक्षित पनाहगार बने हुए हैं. इससे पहले भी समय-समय पर झारखंड के अलग-अलग शहरों से आतंकियों की गिरफ्तारी होती रही है. दूसरी तरफ आतंकियों के स्लीपर सेल की चुनौतियों को देखते हुए झारखंड एटीएस की टीम देश की दूसरी जांच एजेंसियों के संपर्क में है और उनके सहयोग से अब्दुल माजिद के नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी कर रही है.

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अब्दुल माजिद के नेटवर्क को खंगाल रही एटीएस
अब्दुल माजिद की गिरफ्तारी के बाद झारखंड एटीएस टीम गुजरात एटीएस के संपर्क में है. यह टीम माजिद के बैंक खातों के साथ-साथ यह भी जानकारी जुटा रही है कि उसका मोबाइल फोन किस आधार कार्ड पर लिया गया था. वहीं, उसके पासपोर्ट बनाने में किन लोगों ने सहयोग किया इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह प्रवक्ता साकेत कुमार सिंह ने बताया कि यह सच है कि समय-समय पर झारखंड से आतंकियों की गिरफ्तारी होती रही है, इंडियन मुजाहिदीन का सीठीओ मॉडल भी राजधानी रांची से पकड़ा गया था, सीठीओ से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बम विस्फोट के जरिए नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई थी. आईजी साकेत कुमार के अनुसार वर्तमान में झारखंड एटीएस की टीम देश के दूसरे सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है और माजिद के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उन्हें उम्मीद है कि इसमें जल्द ही बड़ी सफलता हाथ लगेगी. अभी तक जांच में अब्दुल माजिद के बारे में जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार वह दाऊद का काफी करीबी था. सोने और हथियार की तस्करी के जरिए वह दाऊद का करीबी बना था. एटीएस की टीम उसके वित्तीय लेनदेन और खातों का पता लगा रही है. एटीएस की टीम यह भी पता लगा रही है कि उसे वित्तीय मदद कहां से मिलती थी, उसमें पैसे बाहर से आते थे कि नहीं, अगर आते थे तो उसका आधार क्या था.



माजिद का कॉल डिटेल खंगाल रही एटीएस
माजिद की गिरफ्तारी के बाद से ही एटीएस की टीम लगातार अपने काम में जुटी हुई है. माजिद के कॉल डिटेल को भी खंगाला जा रहा है. कॉल डिटेल के आधार पर वैसे लोग जो माजिद के लगातार संपर्क में थे उनसे पूछताछ की जाएगी.



एनआईए का सहयोग
झारखंड पुलिस के लिए एक अच्छी बात यह है कि अब एनआईए का दफ्तर भी रांची में खुल चुका है. ऐसे में एटीएस की टीम लगातार एनआईए और वैसे राज्य जहां आतंकियों के थ्रेट ज्यादा है, उनसे संपर्क कर माजिद के साथ-साथ झारखंड में सक्रिय आतंकियों के स्लीपर सेल के लिंक खंगाल रही है. आईटी साकेत कुमार सिंह के अनुसार झारखंड में एटीएस का गठन हाल में ही हुआ है. इसके बावजूद एटीएस की टीम लगातार प्रयास कर रही है, ताकि स्लीपर सेल को ध्वस्त किया जा सके.

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झारखंड में सक्रीय रहा है आतंकियों का स्लीपर सेल
झारखंड में आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल सक्रिय रहा है. अलकायदा, सीमी, इंडियन मुजाहिदीन, जमात-उल-बांग्ला जैसे आतंकी संगठनों की सक्रियता झारखंड में पूर्व से रही है. साल 2013 के बोधगया ब्लास्ट और तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की पटना के सभा में विस्फोट की साजिश में रांची के आतंकियों की भूमिका रही थी. रांची के सीठीओ और ओरमांझी से इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी पकड़े गए थे. इंडियन मुजाहिदीन के भटकल बंधुओं ने भी रांची के कांटा टोली इलाके के एक मकान में हिंदी शिक्षक बनकर शरण लिया था. वहीं सूरत और अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में रांची के मंजर इमाम और दानिश को गिरफ्तार किया गया था. झारखंड का जमशेदपुर तो पहले से ही कई आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल का ठिकाना रहा है. 18 जनवरी 2016 को जमशेदपुर के धातकीडीह के रहने वाले मोहम्मद शामी को गिरफ्तार किया गया था. वह अलकायदा का संदिग्ध आतंकी था. 25 जनवरी 2016 को धातकीडीह से ही अलकायदा के संदिग्ध नसीम उर्फ राजू को गिरफ्तार किया गया था. 21 सितंबर 2019 को झारखंड एटीएस की टीम ने टाटानगर रेलवे स्टेशन के पास से संदिग्ध आतंकी कलमउद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया था.


आतंकियों को लेकर कब-कब चर्चा में रहा झारखंड

  • 27 जनवरी 2002 - कोलकाता में हुए आतंकी हमले के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने झारखंड के हजारीबाग में दो आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया था.
  • जून 2012 - राजस्थान के अजमेर में हुए विस्फोट मामले में जामताड़ा से आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया था.
  • जून 2011 - अहमदाबाद विस्फोट मामले में रांची के बरियातू के रहने वाले दानिश और मंजर इमाम को गिरफ्तार किया गया था.
  • 27 अक्टूबर 2013 - बोधगया और पटना में नरेंद्र मोदी की सभा में ब्लास्ट मामले में आतंकी हैदर सहित चार की गिरफ्तारी रांची से हुई थी.
  • जून 2015 - वर्धमान ब्लास्ट मामले में पाकुड़ और साहिबगंज सहित कई इलाकों से कुल सात आतंकी गिरफ्तार किए गए थे.
  • 30 अक्टूबर 2013- रांची के डोरंडा के मनी टोला स्थित फिरदौस नगर से एनआईए की टीम ने उज्जैर अहमद नाम के आतंकी को गिरफ्तार किया था.
Last Updated : Jan 1, 2021, 10:45 PM IST

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