झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 4 लाख पद खाली, रोजगार से महरूम प्रदेश के युवा
साल 2021 यानी नियुक्ति का वर्ष है, ऐसी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Cm Hemant Soren) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर की थी. प्रदेश के युवाओं को उम्मीद थी कि उन्हें जल्द नौकरी मिलेगी. लेकिन सरकारी आंकड़े ये बताते हैं कि सवा 5 लाख सृजित पदों में करीब 4 लाख पद अब तक खाली हैं. जिसे भरने के लिए अब तक ना तो नियोजन नीति बनी है और ना ही राज्य के युवाओं को रोजगार ही मिला है.
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Published : Aug 3, 2021, 5:05 PM IST
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Updated : Aug 3, 2021, 10:03 PM IST
रांचीः साल 2021 यानी नियुक्ति का वर्ष, इसकी घोषणा जब गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Cm Hemant Soren) की ओर से गई तो बेरोजगार युवाओं में एक बार फिर सरकारी नौकरी पाने की उम्मीद जगी. मगर सात महीने बीत जाने के बाद भी ना तो नियोजन नीति बन पाई और ना ही युवाओं को नौकरी मिली. ऐसे में सरकार के प्रति युवाओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है. वहीं सरकार एक बार फिर रिक्त पदों का आकलन करने में जुटी है.
राज्य सरकार में करीब चार लाख पद खाली राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 5.25 लाख पद सृजित हैं. इसमें से करीब 4 लाख पद खाली हैं, यानी आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं. इतनी संख्या में पद खाली होने के चलते सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. जो अधिकारी और कर्मचारी मौजूद हैं, उन पर कार्य का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य के गृह, कारागार एवं आपदा प्रबंधन विभाग में ही 73 हजार 938 पद रिक्त हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 1 लाख 51 हजार 407 है. इसी तरह शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास जैसे विभागों में भी ऐसी ही स्थिति है.
नियोजन नीति का नहीं बनना मुख्य वजह रोजगार वर्ष में सरकारी नौकरी पाने की आस लगाए युवाओं को अब तक निराशा ही हाथ लगी है. जेपीएससी (JPSC) और जेएसएससी (JSSC) के माध्यम से पूर्व में विज्ञापित तमाम परीक्षाएं फिलहाल कोरोना की वजह से लटकी हुई हैं.
सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी नहीं आने के पीछे की वजह कोरोना को मान रही है. मगर हकीकत यह है कि नए सिरे से तैयार हो रही नियोजन नीति के कारण नियुक्ति लटकी हुई है. इसके अलावा कई विभागों के अब तक नियमावली तक नहीं बने हैं. ऐसे में समय के साथ संयुक्त बिहार के समय से कार्यरत कर्मी और अधिकारी सेवानिवृत्त होते गए. सरकार वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ग्रेड-थ्री के कर्मी को भी आउटसोर्सिंग और सेवानिवृत्त कर्मियों की सेवा लेकर काम चलाने की कोशिश में है.
कर्मियों की भारी कमी की मार झेल रहा श्रम विभाग ने श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जैसे खाली पद को सेवानिवृत्त एलईओ (LEO) के जरिए काम चलाने का निर्णय लिया है. श्रमायुक्त एस मुत्थुकुमार की मानें तो विभाग ने सरकार से इस तरह की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रस्ताव भेजा है. हालांकि श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Labor Minister Satyanand Bhokta) ने कहा है कि 15 दिनों के अंदर बड़े पैमाने पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकलने शुरू हो जाएंगे.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में कुल सृजित पदों की संख्या 5.25 लाख है. लेकिन इसमें कुल रिक्त पदों की संख्या करीब 4 लाख है. गृह, कारागार एवं आपदा प्रबंधन विभाग में 73 हजार 938 पद रिक्त हैं, जबकि इन विभागों में स्वीकृत पदों की संख्या 1 लाख 51 हजार 407 है.
आंदोलन की तैयारी में छात्र, विपक्ष भी साध रहा निशाना सरकार की बेरुखी से नाराज छात्र 8 अगस्त से आंदोलन की तैयारी में हैं. सरकार की सफाई को छात्र संगठन बहाना मानते हुए कहा है कि अगर सरकार की मंशा साफ होती तो कम से अभी तक विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जा सकते थे, मगर ऐसा नहीं हुआ, ऐसे में हमारी उम्र बढ़ने से आवेदन देने की योग्यता ही खत्म हो जाएगी.
छात्र नेता एस. अली ने जल्द से जल्द नियोजन नीति और विभागवार नियमावली को अंतिम रुप देकर विज्ञापन निकालने की मांग की है, नहीं तो छात्र सरकार के विरुद्ध सड़क पर आंदोलन करने उतरेंगे. वहीं बीजेपी ने हेमंत सरकार की विफलता पर चुटकी लेते हुए कहा है कि हर वर्ष 5 लाख नौकरी देने का वादा का नियुक्ति वर्ष में ही हवा निकल गई. बहरहाल सरकारी नौकरी पाने के लिए रात-दिन युवा वर्ग मेहनत करते हैं. ऐसे में रोजगार वर्ष में बेरोजगार बैठे युवाओं के प्रति सरकारी सिस्टम ही मूंह मोड़ ले तो कैसे इन्हें नौकरी कैसे मिलेगी.