रांची: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के कटौती प्रस्ताव पर विधायकों की ओर से कई सुझाव आए जिनका मंत्री बादल पत्रलेख ने सिलसिलेवार जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में फसल बीमा के नाम पर 466 करोड़ का प्रीमियम दिया गया और भुगतान महज 77 करोड़ का हुआ. अब यह नहीं चलेगा. उनकी सरकार बहुत जल्द किसान राहत कोष बनाने जा रही है.
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के नाम पर 800 करोड़ रु. वितरित किए, जिसका फायदा असली किसानों को नहीं मिला. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अब उनकी सरकार सहकारी समितियों को मजबूत करेगी. को-ऑपरेटिव बैंक में हुए घोटालों में शामिल भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि एसीबी को ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
उन्होंने कहा कि जहां भी आलू की फसल बर्बाद हुई है वहां के किसानों को आपदा राहत कोष से क्षतिपूर्ति देने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है. यही नहीं बीज ग्राम वितरण में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए भी आदेश दे दिए गये हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देगी. जुलाई 2015 में किसानों को बाजार और फसल को अधिकतम लाभ मुहैला कराने के मकसद से इलेक्ट्रानिक कृषिभूमि अधिग्रहित रैयतों ने जमीन वापस लेने का मामला सदन में उठा, विधायक प्रदीप यादव ने कहा- जमीन वापस पर सरकार करेगी विचार पोर्टल शुरू किया था जिसका नाम है ई-नाम . लेकिन मंत्री ने कहा कि ई-नाम के डाटा में हेरफेर कर केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपाती रही है जिसको एक्जामिन कराने कहा गया है.