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झारखंड के एससी एसटी थाना में 4 हजार मामले लंबित, लोगों को अब तक है न्याय का इंतजार!

झारखंड के एसटी एससी थाना में लंबित मामले को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति समन्वय समिति ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. साथ ही इनके जल्द निष्पादन कर एसटी एससी समाज के लोगों को न्याय देने की मांग की है. Cases pending in police stations in Jharkhand.

Appeal for justice from government regarding pending cases in various ST SC police stations of Jharkhand
झारखंड के एसटी एससी थाना में लंबित मामले को लेकर सरकार से न्याय की गुहार

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 8, 2023, 1:20 PM IST

Updated : Oct 8, 2023, 1:32 PM IST

एससी एसटी थाना में लंबित मामलों की जानकारी देते अनुसूचित जाति जनजाति समन्वय समिति

रांची: झारखंड को आदिवासियों का प्रदेश कहा जाता है, क्योंकि यहां पर आदिवासी समाज के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. इनके बाद अनुसूचित जाति के लोग भी झारखंड में वर्षों से रह रहे हैं. लेकिन झारखंड के मूल निवासी कहे जाने वाले आदिवासी और अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है. झारखंड के एसटी एससी थाना में लंबित मामले कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे हैं क्योंकि इनकी संख्या सैकड़ों में नहीं हजारों में है.

इसको लेकर अनुसूचित जाति जनजाति समन्वय समिति का कहना है कि केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एससीएसटी अधिनियम में संशोधन कर यह स्पष्ट किया गया है. अगर किसी भी अनुसूचित जनजाति या अनुसूचित जाति समाज के लोगों की तरफ से एससी एसटी थाना में मामले दर्ज किए जाते हैं तो इस पर त्वरित कार्रवाई हो. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल शासन और प्रशासन की ओर से नहीं की गयी. अनुसूचित जाति जनजाति समन्वय समिति के सचिव उपेंद्र रजक बताते हैं कि राज्य के सभी एसटी एससी थाना में हजारों मामले लंबित पड़े हैं लेकिन पुलिस प्रशासन की तरफ से इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अगर यही स्थिति रही तो आदिवासी और अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा.

अनुसूचित जाति के नेता सुरेंद्र पासवान ने बताया कि झारखंड के सभी जिलों के एससी एसटी थाना में करीब चार हजार मामले पेंडिंग हैं. इन सभी मामलों का निष्पादन प्रशासन की लापरवाही की वजह से नहीं हो पा रहा है. सुरेंद्र पासवान का आरोप है कि कई मामलों में एससी एसटी थानेदार और पुलिस के उच्च पदाधिकारी काउंटर केस करवा कर लीपापोती करते हैं और कई बार प्रशासन के द्वारा दोनों पक्षों की तरफ से अवैध उगाही भी की जाती है.

एससी एसटी समाज के लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संशोधित बिल में यह स्पष्ट किया गया है कि अगर एससी एसटी थाना में कोई भी मामला दर्ज होता है तो आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. आरोपी को गिरफ्तारी करने से पहले पदाधिकारी को किसी की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. इसके बावजूद भी राज्य के विभिन्न एससी एसटी थाना में सैकड़ों मामले लंबित हैं और इसको लेकर झारखंड सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है.

वहीं आदिवासी समाज और अनुसूचित जाति के लोगों का कहना है राज्य सरकार के करीब चार चाल पूरे होने जा रहे हैं और अब तक अनुसूचित आयोग का पुनर्गठन नहीं हो पाया है. जिससे लोगों को आयोग का भी सहारा नहीं मिल पा रहा है. झारखंड के विभिन्न एससी एसटी स्थान में पड़े हजारों लंबित मामलों को लेकर आदिवासी नेता लोकेश खालखो बताते हैं कि अगर इसी तरह की स्थिति झारखंड के एससी एसटी थानों में बनी रही तो आने वाले दिनों में आदिवासी और अनुसूचित जनजाति समाज के लोग आंदोलन के लिए विवश हो जाएंगे. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द झारखंड के एससी एसटी थानों में पड़े हजारों लंबित मामलों को निष्पादित करें ताकि उनको न्याय मिल सके.

Last Updated : Oct 8, 2023, 1:32 PM IST

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