रांची: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार बैठक में अधिकारियों के समय से नहीं पहुंचने पर भड़क गईं. उन्होंने कहा कि आयोग घूमने के लिए नहीं आता है. बल्कि अंतिम पायदान पर बैठे लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आता है. उन्होंने कहा कि वे आईं हैं तो मीटिंग तो करके ही जाएंगी.
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नहीं लिया जाता सीरियसली:अंजना पवार ने कहा कि सफाई कर्मचारी आयोग और सफाईकर्मचारियों को सीरियसली नहीं लिया जाता है. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने आयोग को फिजूल में जिम्मेदारी नहीं दी है. बल्कि इस आयोग के जरिए सफाईकर्मियों के विकास के लिए ईमानदारी से काम किया जाता है.
बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा:राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार ने अधिकारियों को दोबारा समय देकर बैठक की. इस दौरान सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक जीवन तथा इनके पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना से संबंधित समीक्षा की. सफाई कर्मचारियों से जुड़ी सभी समस्याओं के समाधान का आदेश अधिकारियों को दिया.
रांची के बाद राजकीय अतिथिशाला पहुंचने पर वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारियों की समस्या के समाधान को लेकर बैठक में विस्तार से चर्चा की गई. इसके पहले राजधानी पहुंचने पर आयोग की उपाध्यक्ष को निगम के सफाई कर्मचारी एवं अन्य संस्थाओं के कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया.
जाति प्रमाण पत्र बना रोड़ा:अंजना पवार के सामनेनिगम के सफाई कर्मचारियों ने अपनी समस्या रखी. इसके साथ ही मिल रहे वेतनमान की भी जानकारी दी. सफाई कर्मचारियों के अलावा समाज में मैला ढोने वाले वाल्मीकि समाज ने भी उपाध्यक्ष से मुलाकात की. बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. कहा कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार की तरफ से जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. इस वजह से मैला ढोने वाले और साफ-सफाई करने वाले लोगों को सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा है.
राेजगार से नहीं हटाए जाएंगे:वहीं निगम में वर्षों से काम कर रहे हैं सफाई कर्मचारियों ने अपनी समस्या रखी. आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार ने कहा कि इस मसले पर सरकार से बात की जाएगी और सभी सफाई कर्मचारियों को रोजगार से ना हटाया जाए इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा.