रांची: जेल में बंद अमन साव झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन कर उभरा है. रांची, हजारीबाग, चतरा, लातेहार, धनबाद के कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टर, आउटसोर्सिंग कंपनियों से जुड़े व्यवसायियों को अमन साव गैंग ने रंगदारी के लिए धमकी दी है. लातेहार के तेतरियाखाड़ कोलियरी में हमले को लेकर भी अमन का गिरोह एनआईए की रडार पर है. अमन साव और उसके गुर्गों के खिलाफ एनआईए चार्जशीट भी दायर कर चुकी है. लेकिन इन सब के बावजूद अमन गिरोह के दहशत में कोई कमी नहीं आई है. अमन साव वर्तमान में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है. अमन साव के गिरोह के पास एके-47 समेत कई घातक हथियार हैं.
केवल अमन ही नहीं बल्कि उसका खास सहयोगी सुजीत सिन्हा के पास भी अत्याधुनिक हथियार हैं. दोनों जेल में बंद हैं लेकिन वहीं से अपनी सल्तनत चला रहे हैं. दोनों के गुर्गे अक्सर अत्याधुनिक हथियारों को हाथ में लेकर वीडियो जारी करते हैं. वर्तमान समय में इस गिरोह का आतंक कोयलांचल में सर चढ़कर बोल रहा है. रंगदारी इस गिरोह का मुख्य पेसा है. रंगदारी देने से इनकार करने वालों के घरों पर यह गिरोह दिनदहाड़े हमले करता है. कई को सिर्फ इस वजह से मार डाला गया क्योंकि उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया था.
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प्राइवेट कंनपिया निशाने पर
हाल में चतरा में आरकेटीसी की साइट पर हमले में भी अमन साव का नाम आया था. टंडवा पुलिस ने इस कांड में शामिल कुछ अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था. वहीं झारखंड में चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट से भी अमन साव गिरोह ने रंगदारी की मांग की थी. अमन साव के गुर्गों ने 8 जुलाई को पलामू के मोहम्मदगंज में अशोका बिल्डकॉन नाम की कंपनी की साइट पर फायरिंग की थी. कंपनी के द्वारा जपला से गढ़वा तक रेलवे की तीसरी लाइन बिछाई जा रही है.
अशोका बिल्डकॉन को रंगदारी के लिए अमन साव के गुर्गे मयंक सिंह ने धमकी दी थी. बाद में 8 जुलाई को दो बाइक सवार अपराधियों ने कंपनी की साइट पर आकर फायरिंग की थी. फायरिंग की वारदात के बाद कंपनी के सुपरवाइज़र विंध्याचल कुमार के बयान पर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना के बाद कंपनी ने रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए झारखंड पुलिस से सशस्त्र बलों की मांग की है. कंपनी में सुरक्षा के लिए अबतक 10 होमगार्ड के जवान लगाए गए हैं. काम पूरा करने के लिए अब झारखंड के जैप या सैप जैसे सशस्त्र बलों की मांग की गई है. इसके अलावा धनबाद, चतरा और रांची के कई कारोबारी सीधे तौर पर अमन गिरोह के निशाने पर हैं और उनसे लगातार रंगदारी की डिमांड की जा रही है.
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जेल में बंदियों की बंदिश पर उठ रहे सवाल
रंगदारी का मास्टर माइंड सुजीत सिन्हा धनबाद जेल में बंद है. उसका दाहिना हाथ माना जाने वाला अमन साहू भी रांची जेल में है. जेल में बैठ कर ये सभी कारोबारियों का अमन-चैन छीन रहे हैं. ऐसे में जेल में बंदियों के बंदिश पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. कोरोबारियों को धमकी देने के कारण ही सुजीत सिन्हा को जमशेदपुर से धनबाद जेल में शिफ्ट किया गया था. जबकि अमन साव को रांची जेल से किसी अन्य जेल में शिफ्ट करने का प्रस्ताव जारी किया गया है. लेकिन वर्तमान समय में जेल की दीवारें भी अमन-सुजीत के मंसूबों के आगे छोटी पड़ गई हैं.