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रांची में हॉस्टल के विद्यार्थियों से मांगा जा रहा किराया, आजसू छात्र संगठन ने मालिकों को दी आंदोलन की चेतावनी - Ajasu student organization warned the hostel owners

राजधानी में हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिए भी एक बड़ी परेशानी सामने आई है. तमाम विद्यार्थी फिलहाल लॉज और छात्रावासों में नहीं हैं. वह अपने अपने घरों में हैं. लेकिन फिर भी मकान मालिकों ने 3 से 4 महीने के किराए की मांग की जा रही है. इसी कड़ी में आजसू छात्र संगठन द्वारा रांची के मोरहाबादी मैदान में किराया माफी की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत की है.

Ajasu warned the hostel owners of the movement in ranchi
आजसू ने मालिकों को दी आंदोलन की चेतावनी

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Published : Jun 18, 2020, 7:35 PM IST

रांची: राजधानी में छात्र छात्राओं से मकान मालिक पैसों की मांग की कर रहे हैं. एक साथ तीन से चार महीने के किराए की मांग की जा रही है. इससे छात्र-छात्राएं काफी परेशान हैं. 75 फीसदी लॉज हॉस्टल का किराया माफ करने की मांग को लेकर महानगर आजसू छात्र संगठन ने मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष आंदोलन की शुरुआत की. राज्य सरकार द्वारा पहले कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से सब को राहत दी जाएगी. लेकिन घोषणा के बावजूद भी संबंधित लोग मनमानी कर रहे हैं. लॉज और हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिए भी एक बड़ी परेशानी सामने आई है. तमाम विद्यार्थी फिलहाल लॉज और छात्रावासों में नहीं हैं. वह अपने अपने घरों में हैं. 3 महीने से हॉस्टल लॉज खाली हैं, लेकिन फिर भी मकान मालिकों द्वारा 3 से 4 महीने के किराए की मांग की जा रही है.

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ऐसे में ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो किराया देने में असमर्थ हैं. इस मामले को लेकर सरकार को लगातार अवगत भी कराया जा रहा है, लेकिन मकान मालिक इसे मानने को तैयार नहीं हैं. कई विद्यार्थियों को तो यह तक धमकी दी जा रही है कि वह जल्द से जल्द ऑनलाइन पेमेंट के जरिए किराया भेज दें, नहीं तो उनका सामान बाहर फेंक दिया जाएगा.
इसी कड़ी में आजसू छात्र संगठन द्वारा रांची के मोरहाबादी मैदान में किराया माफी की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत की है. आजसू की मानें तो अगर मकान मालिक 75% किराया माफ नहीं करेंगे तो आने वाले समय में आजसू संगठन को उग्र आंदोलन करना होगा. इस मामले को लेकर राज्य सरकार को भी अवगत कराया जा रहा है, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे में जोरदार आंदोलन एकमात्र रास्ता है.

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