रांची: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस में विकास आयुक्त सहित कई विभागीय पदाधिकारियों के साथ किसान ऋण योजना को लेकर राज्यस्तरीय कमेटी के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने ऋणी कृषकों के डाटा के प्रारूप में 5 दिनों के अंदर एकरूपता लाने का निर्देश दिए और उन्होंने एनपीए खातों की डिटेल्स भी बैंक से मांगे. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किसान ऋण माफी योजना को धरातल पर उतारने के लिये सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है, कि जो भी ऋणी किसान हैं उनके लोन खातों को अभियान चलाकर आधार और माबाईल नंबर से लिंक किया जाए और एक महीने के अंदर जिला और प्रखंड स्तर पर सभी किसानों के ऋणों के खातों का सत्यापन संबंधित बैंक की ओर से सुनिश्चित किया जाए.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बैठक में सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि नवंबर महीने के अंदर सभी जिला और प्रखंड स्तर के बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक कर अपसी समन्वय स्थापित कर बीएलओ के माध्यम से सभी ऋणी किसानों के बैंक खातों को आधार के साथ लिंक करने का कार्य सुनिश्चित करें, साथ ही केवीईसी सुनिश्चित करें. उन्होंने उपायुक्त और विभागीय पदाधिकारी भी इस कार्य में सहयोग देने को कहा. उन्होंने विभागीय पदादिकारियों को इस संदर्भ में उपायुक्तों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आहूत करने का भी निर्देश दिया.
कृषि मंत्री ने किसान ऋण योजना को लेकर की बैठक, किसानों का लोन खाता आधार से लिंक करने का निर्देश - रांची में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने की बैठक
रांची में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विकास आयुक्त सहित कई विभागीय पदाधिकारियों के साथ किसान ऋण योजना को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए.
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मंत्री ने कहा कि किसानों का जो भी डाटा बैंकों के पास है, उसे एक ही प्लेटफॉर्म पर लाना है, ताकि राज्य के किसानों के लोन की सही स्थिति का आकलन किया जा सके, इसके लिए सभी बैंक एसएलबीसी के साथ समन्वय स्थापित कर एक प्लेटफॉर्म तैयार करें, साथ ही विभाग की ओर से भी आईटी विभाग के सहयोग से डाटा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए और दोनों पोर्टल को इंटीग्रेट किया जाएगा. कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी विभागीय पदाधिकारी विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से संपर्क कर अगले पांच दिनों के अंदर एनपीए का कैटोगरी वाईस स्टेटस प्राप्त करें, किसानों को सरकारी की ऋण माफी योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए सभी बैंकों और विभाग के माध्यम से प्रचार प्रसार सुनिश्चित कराया जाए. बैठक में कृषि ऋण ने माफी के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें अन्य राज्यों का अनुभव, विभिन्न स्टेक होल्डर्स और एसएलबीसी की भूमिका भी पर भी चर्चा की. झारखंड सरकार ने ऋण माफी योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये बजट में उपबंधित किया है. बैठक में मुख्य रूप से विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के केके सोन और हिमानी पांडेय वित्त सचिव, झारखंड, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दिकी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.