रांचीः कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रांची में किसान कॉल सेंटर का लोकार्पण किया है. झारखंड सरकार राज्य के किसानों की कृषि संबंधी समस्याओं को दूर करने और विशेषज्ञों के देखरेख में अन्नदाता ज्यादा से ज्यादा फसल उगा सकें इसके लिए किसान कॉल सेंटर की स्थापना की. जिसका राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बुधवार को किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर 18001231136 (Kisan Call Center Toll Free Number 18001231136) का लोकार्पण किया. इसके साथ-साथ कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किसानों को सब्सिडी पर मिलने वाली बीज की मॉनिटरी के लिए जीपीएस पर आधारित ब्लॉकचेन ऐप का भी लोकार्पण किया है. रांची में नेपाल हाउस मंत्रालय में किसी मंत्री ने कृषि निदेशालय द्वारा तैयार नागपुरी गीत (जो कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को और खासकर किसान बंधुओं को जागरूक करता है) उसका भी लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के किसान स्वस्थ रहें.
कृषि मंत्री ने किया किसान कॉल सेंटर का लोकार्पणः Toll Free Number 18001231136 पर किसानों को मिलेगी हर जानकारी - झारखंड कृषि निदेशालय
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रांची में किसान कॉल सेंटर (Kisan Call Center) का लोकार्पण किया है. इसके साथ ही मंत्री ने किसानों को सब्सिडी पर मिलने वाले बीज की मॉनिटरी के लिए जीपीएस पर आधारित ब्लॉकचेन ऐप का भी लोकार्पण किया है. इस कॉल सेंटर में Toll Free Number 18001231136 पर किसानों को हर जानकारी मिलेगी.
इसे भी पढ़ें- झारखंड में गौशाला पर मेहरबान हुई राज्य सरकार, गाय के भोजन के लिए 50 के बदले मिलेंगे 100 रुपये
झारखंड कृषि निदेशालय द्वारा प्रतिवर्ष 50% या 100% अनुदान पर किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाता है. जिसे आपूर्ति किए गए बीजों को ट्रैक करने के लिए अब ब्लॉक चैट ऐप का उपयोग किया जाएगा. प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी और जिला स्तरीय पदाधिकारी के द्वारा जो भी आपूर्ति आदेश जारी किए जाएंगे, वह अब ब्लॉकचेन ऐप के माध्यम से ही किया जाएगा. कृषि मंत्री ने बताया कि ब्लॉकचेन ऐप का मुख्य उद्देश्य है कि तकनीक के बल पर बीज को लाभुक यानी किसान तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीज उत्पादक एजेंसी से गोदाम तक बीज की आपूर्ति का पता लगाने, बीज परीक्षण प्रयोगशाला विक्रेताओं और लैंप पैक्स द्वारा किसानों तक बीज वितरित किए जाने तक की सभी गतिविधियां ट्रैक की जा सकेगी. जिससे बीज वितरण में पारदर्शिता और प्रमाणिकता आएगी. इसके माध्यम से बीज वितरण पर व्यापक पारदर्शक जानकारी प्राप्त हो सकेगी ताकि दिए गए बीजों का आर्डर आपूर्तिकर्ता का विवरण बीच का प्रकार प्रेषण स्टॉक गोदाम का चयन ट्रकों में जीपीएस सिस्टम के माध्यम से अब किसानों के हक को उनके खेत तक पहुंचाया जाएगा.