रांची:एक तरफ दिल्ली में केंद्र सरकार की तरफ से पास किए गए नए कृषि कानून को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान सड़क पर उतर गए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ झारखंड के कृषि मंत्री भी इस बिल का विरोध करते हुए बता रहे हैं कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने बिना राज्य सरकार को विश्वास में लिए हुए कृषि बिल को पास करने का निर्णय लिया है. यह निश्चित रूप से किसानों के प्रति केंद्र सरकार की उदासीन रवैया को दिखलाता है.
सड़क पर उतरें किसान
वहीं उन्होंने कहा कि इस बिल का सिर्फ विपक्षी दल ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार के सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल ने भी पुरजोर विरोध किया है और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हरसिमरत कौर ने इसके विरोध में अपना इस्तीफा भी दे दिया. इससे साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार आक्रामक रवैया अपनाते हुए किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं है. इसीलिए आज दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसान सड़क पर उतरकर फटे हाल में रहने को मजबूर हैं. वहीं उन्होंने कहा कि नया कृषि कानून भारत जैसे विकासशील देशों के लिए कभी भी सफल नहीं हो सकता यह कानून उस देश के लिए लाभकारी होगा जो पूर्ण रूप से विकसित है.
किसानों के कर्ज माफी पर काम
राज्य में धान क्रय के मामले पर स्पष्ट करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है. किसानों का धान हर कीमत पर खरीदा जा रहा है और उन्हें सही समय पर पैसे भी मुहैया कराये जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने राज्य के किसानों को आश्वस्त किया कि कृषि के रूप में दो हजार करोड़ का कर्ज किसानों के लिए माफ किया जाएगा. इसको लेकर एसबीआई बैंक से बातचीत जारी है. जैसे ही एसबीआई से पूरी रिपोर्ट आएगी. किसानों के कर्ज माफी पर काम पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा.