रांची:राजधानी रांची में पिछले दिनों अधिवक्ता मनोज कुमार झा और धनबाद कोर्ट के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के विरोध में शुक्रवार को राज्य भर के अधिवक्ता ने खुद को न्यायिक कार्य से दूर रखा. स्टेट बार काउंसिल के निर्णय के साथ सभी अधिवक्ता एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने की मांग कर रहे हैं.
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स्पीडी ट्रायल चलाकर तीन महीने के अंदर कड़ी सजा देने की मांग
स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय कुमार ने कहा कि अधिवक्ता मनोज कुमार झा और धनबाद कोर्ट के जज की संदिग्ध मौत को लेकर राज्य भर के अधिवक्ता विरोध कर रहे है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि दोनों घटना में शामिल आरोपियों की स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सुनवाई हो और तीन महीने के अंदर कड़ी सजा दी जाए जिससे न्यायपालिका पर इस तरह के प्रहार करने का दुस्साहस आगे कोई न कर सके. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता मनोज कुमार झा की हत्या को लेकर एक कमिटी का गठन किया गया है, जो उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने का प्रयास करेगी.
एक महीने के अंदर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग
संजय ने आगे बताया कि राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल से काउंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा. दोनों घटना को लेकर राज्य सरकार को एक महीने का समय दिया जाएगा ताकि सरकार की मंशा का पता चला सके. अगर एक महीने में राज्य सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करती है तो स्टेट बार काउंसिल बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगी.
ऐसे हुई थी जज उत्तम आनंद की मौत रांची में अधिवक्ता की हत्या और धनबाद में जज की हुई थी संदिग्ध मौत
बता दें कि पिछले दिनों रांची में अधिवक्ता मनोज कुमार झा की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वे अपने ड्राइवर के साथ तमाड़ थाना क्षेत्र के रड़गांव स्थित संत जेवियर कॉलेज के निर्माणस्थल पर गए थे. इसी दौरान बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. धनबाद में रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत हो गई थी. जज सुबह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे. इसी दौरान एक ऑटो ने पीछे से आकर उन्हें टक्कर मार दी. जिसके बाद वे वहीं पर बेहोश होकर गिर गए. स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. टक्कर के बाद उनके सिर और कान पर गंभीर चोट आई थी.