रांची: कोल विद्रोह में शहीद हुए महापुरुषों को आदिवासी सरना महासभा के लोगों ने श्रद्धांजलि देकर नमन किया. आदिवासी की सभ्यता, संस्कृति और जमीन की रक्षा के लिए 1831 में कॉल विद्रोह किया गया था, जो 5 महीने तक चला.
इस विद्रोह में हजारों महापुरुषों ने अपनी जान की आहुति दी थी. यह विद्रोह जागीरदार सूदखोर साहूकारों के खिलाफ की गई थी. इसकी शुरुआत रांची के तमाड़ से हुई थी. आदिवासी सरना महासभा के संयोजक सह पूव मंत्री देव कुमार धान ने कहा कि कोल विद्रोह के इतिहास को आदिवासी समाज के हर लोगों तक पहुंचाना आदिवासी सरना महासभा का उद्देश्य है.