रांची: झारखंड के जामताड़ा, पलामू, गढ़वा, गुमला और रांची के मुस्लिम बहुल कुछ सरकारी स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द लिखकर शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश लेने का मामला गरमाता जा रहा है. इसपर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि जामताड़ा के कुछ स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द जोड़ने की बात सामने आई थी. वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी के मुताबिक वैसे स्कूलों के नाम के आगे से उर्दू शब्द को मिटा दिया गया है. साथ ही ई विद्यावाहिनी के पोर्टल पर रविवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में अपडेट कर दिया गया है. हालांकि शिक्षा मंत्री ने कहा है कि डीईओ ने उन्हें इस बाबत मौखिक रूप से जानकारी दी है. इस मसले पर विभागीय सचिव से विस्तृत रिपोर्ट तलब किया गया है.
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कितने स्कूलों के आगे जोड़ा गया उर्दू शब्द:शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से पूछा गया कि राज्य में कितने सरकारी स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द जोड़कर शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसकी कोई जानकारी नहीं है. विभागीय सचिव से रिपोर्ट आने के बाद ही आंकड़ों के बारे में जानकारी दी जा सकेगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें बस इतनी जानकारी है कि मुस्लिम बहुल इलाकों के स्कूलों में बिहार के समय से शुक्रवार को छुट्टी देने की व्यवस्था है. अब यह व्यवस्था किस आधार पर की गई है, इसका मंथन किया जा रहा है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवस्था कानून और संविधान के हिसाब से चलती है. किस आधार पर शुक्रवार को छुट्टी तय हुई थी. यह भी देखा जाएगा कि बिहार सरकार ने ऐसा फैसला क्यों लिया. उस नियम में क्या था. अब इसपर मंथन होगा कि उस नियम को माना जाना चाहिए या नहीं. अगर सभी अपने-अपने हिसाब से छुट्टी मांगने लगेंगे तो कैसे चलेगा. यह पुरानी बीमारी है. इसको जल्द ठीक किया जाएगा. यह भी देखा जाएगा कि जिन उर्दू स्कूलों में पहले से शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू है, उसे जारी रखना चाहिए या नहीं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर सभी अपने-अपने हिसाब से छुट्टी मांगने लगेंगे तो कैसे चलेगा.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि इस मसले पर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की बात सामने आई है. उन्होंने कहा कि विभाग पर विश्वास करना चाहिए. इसपर कानून और संविधान के अनुसार ही काम होगा. किसी की मनमर्जी नहीं चल सकती.