रांचीः झारखंड में सरकारी खातों से करोड़ों की निकासी करने वाले गिरोह के अहम सदस्य को झारखंड सीआईडी की टीम ने बिहार के जमुई से गिरफ्तार कर लिया है. लातेहार में आईटीडीए के बैंक खाते से गिरोह के सदस्यों ने 9 करोड़ 5 लाख 16 हजार 700 रुपये की निकासी की थी, वहीं पलामू में भू अर्जन विभाग के खाते से 12 करोड़ 60 लाख की निकासी की गई थी.
इस मामले में पुलिस नालंदा के मास्टरमाइंड सहित तीन को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है. बुधवार को सीआईडी की टीम ने पैसे निकासी में अहम भूमिका निभाने वाले निर्भय कुमार उर्फ विवेक कुमार को जमुई के खैरगा से गिरफ्तार किया. गुरुवार को सीआईडी ने निर्भय को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
कैसे की थी पैसे की निकासी
सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि दोनों ही सरकारी खातों से पैसे की निकासी फर्जी आरटीजीएस एप्लीकेक्शन व फर्जी चेक के जरिए की गई थी. जिन फर्जी चेक व फर्जी आरटीजीएस फार्म का इस्तेमाल फर्जी निकासी के लिए किया गया था, उस पर निर्भय ने लिखा व तैयार किया था.
सीआईडी ने इस मामले में निर्भय से पूछताछ की. निर्भय ने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि जिस खाते से पैसे की निकासी की जानी होती थी, उसका आरेजिनल कैंसिल चेक समेत अन्य जानकारी नालंदा से मास्टरमाइंड द्वारा बस से जमुई भेजा जाता था.
इसके बाद फर्जी चेक व फर्जी आरटीजीएस फार्म तैयार कर उसे पूरी तरह सील कर नालंदा भेजा जाता था. इसके बाद गिरोह के बाकि सदस्य उसके जरिए पैसे की निकासी कर लेते थे.
शादी कराने के बहाने सीआईडी ने की रेकी
निर्भय उर्फ विवेक तक पहुंचने के लिए सीआईडी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. सीआईडी की टीम आरोपी के घर तक शादी के रिश्ते के बहाने पहुंची.
करीब एक हफ्ते तक उसके गतिविधियों की जानकारी जुटायी गई. बहाने से सीआईडी ने निर्भय की हैंडराइडिंग ली. इसके बाद उसका मिलान सूक्ष्मता से फर्जी चेक व आरटीजीएस फार्म की हैंडराइडिंग से किया गया. मिलान के बाद सीआईडी ने निर्भय को गिरफ्तार कर लिया.