रांचीः राजधानी की चर्चित अग्रवाल बंधु हत्याकांड का आरोपी लोकेश चौधरी को अरगोड़ा थाने की पुलिस ने तीन दिनों की रिमांड पर लेकर थाने ले आई है. पुलिस अब उससे पूछताछ करेगी. जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि आखिर क्यों अग्रवाल बंधु को चैनल के दफ्तर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
खुलेगा हत्याकांड का रहस्य
हत्याकांड से जुड़ी हर बिंदुओं पर पुलिस बारीकी से जांच करेगी. कोर्ट ने पुलिस को तीन दिनों की रिमांड लेने की अनुमति दी है. 6 मार्च 2019 को लालपुर निवासी हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लोकेश चौधरी ने लालपुर में रहनेवाले अग्रवाल बंधुओं से उधार में बड़ी रकम ली थी. लेनदेन के सिलसिले में उसने व्यवसायी हेमंत अग्रवाल और भाई महेंद्र अग्रवाल को अपने चैनल दफ्तर में बुलाया था और दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद लोकेश चौधरी उसी दिन जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के कचनार टोली स्थित वसुंधरा अपार्टमेंट पहुंचा था. वहां से पत्नी और बच्चों को लेकर सीधे बिहार भाग निकला, उस समय से वह फरार था.
9 दिसंबर को कोर्ट में किया था सरेंडर, पुलिस को भी नहीं लगी थी भनक
रांची के अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित साधना न्यूज के कार्यालय में छह मार्च 2019 की शाम हुई दो सगे भाइयों हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या का मुख्य आरोपित लोकेश चौधरी ने बीते 9 दिसंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. रांची पुलिस को इससे पहले भनक तक नहीं लगी थी. लंबे समय से वह रांची पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था. इस मामले में फिलहाल एमके सिंह अब पुलिस गिरफ्त से दूर है. पुलिस सरेंडर से पहले यह पता भी लगा नहीं पाई थी कि लोकेश चौधरी कहां छिपकर रह रहा था. रांची पुलिस ने लोकेश और एमके सिंह को गिरफ्तार करने के लिए घटना के बाद तीन विशेष टीम का गठन किया था. लेकिन लोकेश चौधरी और एमपी सिंह का कोई अतापता नहीं चल पाया. पुलिस ने लोकेश चौधरी के जगन्नाथपुर इलाका स्थित फ्लैट में कुर्की जब्ती की कार्रवाई की थी, इसके बावजूद दोनों अब तक फरार था.
अब खुलेगा राजः 3 दिन की रिमांड पर लाया गया अग्रवाल बंधु की हत्या का आरोपी लोकेश चौधरी
रांची की चर्चित अग्रवाल बंधु हत्याकांड का आरोपी लोकेश चौधरी 3 दिन की रिमांड पर है. राजधानी की अरगोड़ा पुलिस उसे थाना ले आई है. जहां उससे पूछताछ की जाएगी.
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बिहार बंगाल और यूपी तक की गई थी छापेमारी
अग्रवाल बंधु हत्याकांड के बाद एसआइटी का गठन किया गया था. एसआइटी ने बिहार, बंगाल और यूपी की कई जगहों पर छापेमारी की. बावजूद इसके दोनों मुख्य आरोपितों का लोकेशन तक पुलिस पता नहीं लगा पाई. पुलिस सिर्फ इनके रिश्तेदारों के घरों तक पहुंचकर वापस आ गई. दोनों आरोपित कहां हैं, यह भी पता लगाने की कोशिश पुलिस नहीं कर रही है.
हत्याकांड में शामिल तीन भेजे गए थे जेल
अग्रवाल बंधु हत्याकांड में शामिल पांच में से तीन लोग ही अभी जेल में हैं. हत्या के दो दिन बाद 8 मार्च को पहले पुलिस ने लोकेश चौधरी के ड्राइवर शंकर को गिरफ्तार किया था. फिर बाडीगार्ड सुनील सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जबकि एक अन्य बाडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था. दोनों बाडीगार्ड ने खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाई की हत्या लोकेश चौधरी और एमके सिंह ने की थी. हत्या के बाद अग्रवाल बंधुओं का करोड़ों रुपया लेकर दोनों फरार हो गए. रकम कितनी थी अब तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है.