रांची:राजधानी में अग्रवाल बंधुओं की गोली मारकर हत्या मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने अदालत में जमानत याचिका दायर की है. JC 7 विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए 17 मार्च की तिथि निर्धारित की है. अशोक नगर स्थित निजी न्यूज चैनल के दफ्तर में दो सगे भाई हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या छह मार्च 2019 की शाम को कर गई थी. इसी मामले में मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी खुद को निर्दोष बताते हुए जमानत याचिका कर जेल से बाहर आना का प्रयास कर रहा है.
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गुमशुदगी का हुआ था मामला दर्ज
अग्रवाल बंधुओं की हत्या में शामिल 5 में से तीन लोग फिलहाल जेल में हैं. हत्या के 2 दिन बाद मुख्य आरोपी के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बॉडीगार्ड सुनील सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था.
दोनों बॉडीगार्ड ने इस मामले में खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी और मुख्य आरोपी के सहयोगी एमके सिंह ने की थी. 6 मार्च 2019 की शाम को करीब 4 बजे महेश अग्रवाल और उसके छोटे भाई हेमंत अग्रवाल अपने घर से निकलकर निजी न्यूज चैनल के मालिक लोकेश चौधरी के पास अपने 5 लाख रुपए बकाया की मांग करने गए थे, लेकिन देर रात तक जब दोनों भाई अपने घर वापस नहीं लौटे तो घरवालों ने ही लालपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था.
अग्रवाल बंधुओं की मर्डर की मिस्ट्री
पुलिस को घरवालों से दोनों भाइयों का नंबर मिला था. जब तफ्तीश शुरू हुई तो महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल के मोबाइल के अंतिम लोकेशन अशोक नगर में मिली, जिसके बाद पुलिस ने इलाके में छानबीन की. अग्रवाल बंधु पवन एयर कार्गो के मालिक थे. मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के साथ इन लोगों की पहले से पैसे की लेनदेन हुई थी. अग्रवाल बंधुओं की मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाने को लेकर एसआईटी टीम का गठन किया गया. एसआईटी टीम ने बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के गिरफ्त ने नहीं आए. बुधवार को मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सरेंडर किया.
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दोनों भाइयों का खून से लथपथ मिला था शव
रांची के पॉश इलाके अशोक नगर के रोड नंबर 1 में मकान संख्या 199/c के कमरे में 6 मार्च 2019 की शाम हेमंत और महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप निजी न्यूज चैनल के फ्रेंचाइजी लोकेश चौधरी पर था, जो घटना के बाद से ही फरार हो गया. मृतक दोनों भाई अपने व्यवसाय के साथ-साथ सूद पर पैसे देने का काम करते थे.
घटना के दिन दोनों भाई काले रंग के बैग में लगभग दो करोड़ रुपए रखकर स्कूटी से घर निकले थे. जानकारी के अनुसार, उस दिन भी मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को मोटी रकम देने को लेकर निकले थे, लेकिन पैसे को लेकर कहासुनी हो गई और दोनों भाई की हत्या कर दी गई. घटना के दूसरे दिन 7 मार्च 2019 की सुबह पुलिस जब मृतक के बड़े भाई को लेकर अशोक नगर स्थित निजी चैनल के ऑफिस पहुंची तो वहां परिसर में एक कंबल से ढकी स्कूटी दिखी, जिसके बाद पुलिस घर का ताला तोड़कर अंदर घुसी. अंदर जब जमीन पर दोनों भाइयों का खून से लथपथ शव पड़ा मिला, तब मामले को लेकर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी.
अदालत में मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने किया है सरेंडर
मामले में मुख्य आरोपी पुलिस की दबिश से फरार चल रहा था, जिसके बाद उसकी संपत्ति की कुर्की की गई थी. मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और उसके सहयोगी एमके सिंह का कहीं भी सुराग नहीं मिला. बुधवार को अदालत में मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने सरेंडर किया है. अग्रवाल बंधु मुख्य रूप से धनबाद बैंक मोर के शास्त्री नगर स्थित बालाजी अपार्टमेंट के रहने वाले थे, लेकिन वर्तमान में रांची के लालपुर थाना क्षेत्र शिवम अपार्टमेंट में रहा करते थे.