रांचीः झारखंड के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने राज्य में संगठित अपराधिक गिरोहों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने का निर्देश आतंक विरोधी दस्ता के पुलिस अधिकारियों को दिया था. महानिरीक्षक ने इन गिरोहों की कहां से फंडिंग होती है और आर्थिक स्रोतों और इनके द्वारा अपराध से अर्जित की गई संपत्ति का पता लगाने और इस प्रकार के आपराधिक कृत्यों में संलिप्त अपराधियों को गिरफ्तार करने का निर्देश आतंकवाद निरोधी दस्ता को दिया था. इसी निर्देश का पालन करते हुए एटीएस ने कार्रवाई करते हुए कोडरमा के पास एक शख्स को भारी मात्रा में जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की पूछताछ के क्रम में यह पता चला है कि ये कारतूस नक्सली संगठन को सप्लाई के लिए ले जाया जा रहा था.
संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ एटीएस की कार्रवाई, हथियार का सौदागर गिरफ्तार - कोडरमा न्यूज
झारखंड में संगठित अपराधिक गिरोह के विरुद्ध एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है. गुप्त सूचना पर एटीएस ने कोडरमा के पास जांच के दौरान भारी मात्रा में जिंदा कारतूस के साथ एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी से पूछताछ के क्रम में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. जब्त किया गया जिंदा कारतूस आखिर कहां सप्लाई करने के लिए ले जाया जा रहा था जानने के पढ़ें पूरी खबर.
एटीएस ने गुप्त सूचना पर की कार्रवाईः संगठित आपराधिक गिरोह और उसके सदस्यों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई के क्रम में पुलिस अधीक्षक एटीएस को दिनांक 13 जनवरी को गुप्त सूचना मिली थी कि रवि प्रजापति नाम का व्यक्ति बिहार के नालंदा जिला से हथियार और कारतूस लेकर संगठित आपराधिक गिरोह और प्रतिबंधित माकपा नक्सली संगठन को हथियार और कारतूस सप्लाई करने के लिए झारखंड आने वाला है.
कोडरमा चेक पोस्ट के पास बस से उतरते ही धराया आरोपीःउक्त गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस की विशेष छापेमारी टीम गठित की गई. टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने शनिवार करीब नौ बजे रात कोडरमा के बाद पोस्ट के पास न्यू सिमना बस (नम्बर WB411-9710) से एक व्यक्ति के उतरने पर उसकी तलाशी ली. तलाशी के क्रम में शख्स के पास से 765 एनएम का 150 जिन्दा कारतूस और एक मोबाईल बरामद किया गया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ के क्रम में उसने अपना नाम रवि प्रजापति और पता हजारीबाग रोड बरही बस स्टैंड के पास बताया है. गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ के क्रम में यह भी बात प्रकाश में आई है कि बरामद जिन्दा कारतूस प्रतिबंधित माकपा नक्सली संगठन को बिक्री की जानी थी. आरोपी पूर्व में भी एफआईसीएन के मामले में जेल जा चुका है.