रांची:एंटी करप्शन ब्यूरो ने धनबाद में जेलर रहे अश्वनी तिवारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जेलर के पद पर रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
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क्या है पूरा मामला:एंटी करप्शन ब्यूरो ने धनबाद के तत्कलीन जेलर अश्वनी तिवारी के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अश्वनी पर आरोप है कि उन्होंने जेलर पद पर रहते हुए अपने ज्ञात सोर्स से अधिक आय अर्जित की है. इस मामले में एसीबी ने अश्वनी तिवारी के खिलाफ 2022 में आईआर दर्ज किया था. मामले की प्रारंभिक जांच के बाद तत्कालीन जेलर पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए. जिसके बाद एसीबी ने मंत्रिमंडल निगरानी और सचिवालय विभाग से पीई दर्ज करने के लिए आदेश मांगा था. मामले में विभागीय अनुमति मिलने के बाद एसीबी के द्वारा पीई दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जेलर पर क्या है आरोप: धनबाद के तत्कालीन जेलर अश्वनी तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए आय से अधिक कमाई की थी. आरोप है कि पद पर रहते हुए तिवारी ने दिल्ली में फ्लैट की खरीद की. वहीं चास समेत कई शहरों में अचल संपत्ति में निवेश किया. चास में ही करोड़ों के मकान के निर्माण की बात भी सामने आयी है.
शूटर अमन सिंह को मदद पहुंचाने के लिए किया गया था निलंबित: धनबाद में जेलर के पद पर रहते हुए अश्विनी तिवारी को तत्कालीन जेल आईजी मनोज कुमार ने मई 2022 में निलंबित किया था. धनबाद के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर समीर से अमन सिंह ने धनबाद जेल से रंगदारी मांगी थी. मामले में जेलर अश्विनी तिवारी की मिलीभगत का मामला जेल आईजी ने पाया था. इसके बाद 13 मई 2022 को तत्कालीन जेल आईजी ने जेलर अश्विनी तिवारी को निलंबित कर दिया था. निलंबन के बाद ही एसीबी ने भी आसूचना के आधार पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से जुड़ी आईआर दर्ज की थी.