रांची: राष्ट्रीय खेल घोटाले में शुक्रवार को एंटी करप्श्न ब्यूरो(एसीबी) ने आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रहे आरके आनंद से ढ़ाई घंटे पूछताछ की. लगभग 10:45 बजे आरके आनंद खेल घोटाले के अनुसंधानकर्ता सादिक हसन रिजवी के कार्यालय कक्ष में पहुंचे थे, 01:25 बजे तक वह एसीबी कार्यालय में रहे.
एसीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 34वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन से जुड़े डेढ़ दर्जन से अधिक सवालों की लिस्ट एसीबी ने तैयार की थी. आयोजन के संबंध में पहले की पूछताछ में आरके आनंद के द्वारा दिए गए जवाब और दस्तावेजों के बीच तालमेल नहीं होने पर भी एसीबी की तरफ से सवाल दागे गए.
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गौरतलब है कि झारखंड सरकार से आरके आनंद के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद यह पहली पूछताछ है. 17 अक्तूबर तक हाईकोर्ट ने आरके आनंद के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है, ऐसे में अभी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती. एसीबी को पूरे मामले में 17 अक्तूबर को अपना पक्ष भी हाईकोर्ट के समक्ष रखना है.
एसीबी के सवालों ने किया परेशान
अभियोजन स्वीकृति मिलने और जांच में नए तथ्यों के आने के बाद हुई पहली पूछताछ के दौरान आरके आनंद काफी परेशान रहे. एसीबी सूत्रों के अनुसार, कई सवालों का जवाब वह ठीक से नहीं दे पाए. पूछताछ के बाद आरके आनंद मीडिया से बचने के लिए एसीबी कार्यालय के पश्चिम की बजाय पूरब के रास्ते से बाहर निकले.
एसीबी ने आरके आनंद से पूछे कैसे-कैसे सवाल
- एनजीओसी के नियमों से उलट शिवेंदू दूबे, राजीव रंजन मिश्रा, विपिन सिंह, जी नारायण की चार सदस्यीय टेंडर कमेटी क्यों गठित की गई। खुद की अध्यक्षता में बैठक कर खुद को ही एनजीओसी का साइनिंग अथोरिटी क्यों बनाया, इसके पीछे क्या मंशा थी.
- खेल के ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी को लेकर सचिव एसएम हाशिमी ने नियमविरूद्ध फाइल बढ़ायी थी, इस फाइल पर निविदा देने संबंधी सकारात्कम टिप्पणी क्यों लिखी गई. मंत्री होने की हैसियत से स्वयं के लैटरपेड का इस्तेमाल क्यों किया.
- क्या होटल के बिल के भुगतान के लिए तात्कालिन मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को आपने पत्र लिखा था. गेस्ट हाउस की जगह होटल में क्यों रूके.