रांचीः निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद मनरेगा घोटाले मामले की जांच अब एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा भी शुरू कर दी गई है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 2018 के तहत जांच के लिए सरकार के स्तर से अनुमति जरूरी थी, ऐसे में सरकार से आदेश मिलने के बाद एसीबी ने जांच शुरू की है.
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ईडी ने की करवाई, अब शुरू हुई एसीबी जांचःभले ही मनरेगा घोटाले में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पूजा सिंघल पर शिंकजा कसा, लेकिन लंबे समय तक इस मामले में खूंटी की तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच न तो खूंटी पुलिस ने की और न ही एसीबी ने. हालांकि अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आदेश मिलने के बाद एसीबी ने तत्कालीन डीसी और आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच शुरू कर दी है. गौरतलब है कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 2018 के तहत जांच के लिए सरकार के स्तर से अनुमति जरूरी थी, ऐसे में सरकार से आदेश मिलने के बाद एसीबी ने जांच शुरू कर दी है.
दरअसल पूरा मामला खूंटी से जुड़ा हुआ है. खूंटी में मनरेगा घोटाले को लेकर पुलिस के द्वारा कुल 16 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन एंटी करप्शन ब्यूरो ने इसमें से मात्र 11 केस को ही टेकओवर किया था, बाकी बचे 5 केस का अनुसंधान पुलिस के पास लंबित था. लेकिन जब ईडी के द्वारा मनरेगा घोटाले मामले में पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया, उसके बाद इस केस की समीक्षा खूंटी पुलिस के द्वारा की गई. जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने 27 जून 2022 को बाकी पांच केस को भी टेक ओवर कर लिया.
खूंटी एसपी ने की थी मामले में अनुशंसाःएसीबी में केस टेकओवर के पूर्व खूंटी के वर्तमान एसपी अमन कुमार ने मनरेगा घोटाले के पांच केस की समीक्षा की थी. सभी केस में उन्होंने तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच की मांग की थी. चुंकि पूर्व में मनरेगा घोटाले से जुड़े सारे केस एसीबी में दर्ज थे, ऐसे में पांच लंबित केस भी एसीबी ने टेकओवर किए. इसके बाद इस मामले में अलग से एसीबी में केस संख्या 8/22, 9/22, 10/22, 11/22, 12/22 दर्ज किया था. एसीबी ने खूंटी एसपी के अनुशंसा के आलोक में 17 मार्च 2023 को पूजा सिंघल की भूमिका की जांच पीसी एक्ट के तहत करने का आदेश सरकार से मांगा था. अब चुकि सरकार से इस मामले में जांच के आदेश निर्गत कर दिए गए हैं तो ऐसे में अब एसीबी, जांच को लेकर रेस है.