रांचीः शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की गई इस दौरान कई मुद्दों पर उनके साथ विचार विमर्श हुआ और उन्हें राज्य में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता एवं अव्यवस्था पर ज्ञापन सौंपा गया.
राज्य सरकार एवं सम्बन्धित संस्था द्वारा कार्रवाई का आग्रह किया गया. परिषद ने मुख्य रूप से निम्नलिखत विषयों को महामहिम के समक्ष रखा है.
मेडिकल कॉलेज में नामांकन
राज्य में नए खुले मेडिकल कॉलेज (पलामू, देवघर, दुमका, हज़ारीबाग) के वर्तमान सत्र में नामांकन की प्रक्रिया की शुरुवात की जाए. गौरतलब है कि शिक्षकों और जरुरी संसाधनों के अभाव में MCI के द्वारा इस सत्र में नामांकन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी है.
महामहिम से आग्रह है कि शिक्षकों की कमी एवं संसाधनों की पूर्ति के लिए सरकार को निर्देशित की जाए जिससे नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो सके.
विद्यालय तथा उच्च शिक्षा में अनुसूचित जनजाति जाति,अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों आदि को कल्याण विभाग द्वारा दिए जाने वाले अन्य सभी प्रकार की छात्रवृत्ति में तत्काल वृद्धि की जाए.
छात्रसंघ
कोरोना महामारी के कारण लम्बे समय तक शैक्षणिक संस्थानों के बंद रहने के कारण छात्र संघ को परिसर में कार्य करने के लिए समय नहीं मिल पाने के कारण अगले छात्रसंघ चुनाव तक उनका कार्यकाल बढ़ाई जाए.
सत्र
कोरोना के कारण राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र काफी विलम्ब से चल रहे हैं , महामहिम से आग्रह है सत्र को चरणबद्ध तरीके से जल्द नियमित हो, इसके लिए कुलपतियों को निर्देशित की जाए.
विश्वविद्यालयों में छात्रों से लिए जाने वाले विकास शुल्क विद्यार्थी हित के मदों में ही खर्च हो यह सुनिश्चित करने के लिए कुलपतियों को निर्देश दी जाए एवं छात्र मद के पैसों का ऑडिट करा कर उसे छात्रों के बीच सार्वजनिक की जाए.
शुल्क माफी
राज्य के अंदर विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले Self-financed courses (B.B.A,B.C.A,M.C.A,M.B.A इत्यादि) की सेमेस्टर की नामांकन एवं अन्य फीस को माफ की जाए.
गरीब वंचित एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के विद्यार्थियों हेतु परीक्षा शुल्क, प्रवेश परीक्षा शुल्क एवं आगामी सत्र की परीक्षा शुल्क आदि माफ किया जाए.
घंटी आधारित शिक्षक
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी के कारण घंटी आधारित शिक्षक ही महाविद्यालयों की रीढ़ बने हुए हैं.
महामहिम से आग्रह है घंटी आधारित शिक्षकों की जगह अनुबंध आधारित शिक्षक प्रक्रिया को अपनायी जाए एवं UGC के निर्देश के आलोक में न्यूनतम मानदेय तय किया जाए.
मुख्यमंत्री फैलोशिप योजना
राज्य के विद्यार्थियों को शोध के क्षेत्र में प्रोत्साहन के लिए तय हुए फैलोशिप योजना को क्रियान्वयन में लाया जाए, जिससे राज्य में शोध के क्षेत्र में विद्यार्थियों का रुझान बढ़ सके एवं राज्य के उत्तरोतर विकास की नई दिशा तय हो सके.
स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति
राज्य के 70 अंगीभूत महाविद्यालयों में से मात्र 22 महाविद्यालयों में ही स्थायी प्राचार्य हैं, महामहिम से आग्रह है कि महाविद्यालयों की सर्वांगीण विकास एवं शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़ करने के लिए स्थायी प्राचार्यों की न्युक्ति हेतु JPSC को तत्काल निर्देशित की जाए.
विश्वविद्यालयों में विगत कई वर्षों से प्रशासनिक पदाधिकारियों की नियुक्ति लंबित है, जिस कारण विश्वविद्यालयों के कार्यों पर प्रतिकूल असर दिख रहा है.
अतः रिक्त पदों पर अविलम्ब नियुक्ति की जाए.सहायक प्राध्यापकों की नियमित नियुक्ति वर्तमान छात्रों की संख्या के अनुपात में JPSC के माध्यम से की जाए. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की घोर कमी है, जिसके कारण विश्वविद्यालयों की कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
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महामहिम से आग्रह है, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के बहाली की स्वायत्ता कुलपतियों को प्रदान की जाए. महामहिम ने सभी बातों को ध्यान से सुना और उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया.
महामहिम ने कहा कि लंबे समय से जेपीएससी के माध्यम से नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं होने से विश्वविद्यालयों का कार्य प्रभावित हुआ है.
सत्र को नियमित करने के लिए कुलपतियों से बात हो रही है .मेडिकल कॉलेज में नामांकन प्रक्रिया बहाल हो सके इसके लिए पहल के लिए सरकार को दिशा निर्देशित किया जाएगा.
ज्ञापन देते समय क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन . प्रांत संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, प्रदेश अध्यक्ष श्रीनाथू गाड़ी, राष्ट्रीय मंत्री विनीता इंदवार, प्रदेश मंत्री राजीव रंजन देव पांडेय, प्रांत छात्रा प्रमुख पुष्कर बाला उपस्थित थीं.