रांचीःनामांकन फॉर्म का चार्ज 500 रुपये, बिल्डिंग फंड चार्ज और मेंटनेंस चार्ज को तत्काल रद्द करने, परीक्षा फॉर्म भरने की तारीख बढ़ाए जाने जैसी मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और आजसू छात्र संगठन की ओर से रांची विश्वविद्यालय के मोरहाबादी कैंपस में जमकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान विद्यार्थियों की विभिन्न परेशानियों को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन को एक मांग पत्र भी सौंपा गया.
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बेसिक साइंस बिल्डिंग के सामने प्रदर्शन
विद्यार्थियों की विभिन्न मांगों और परेशानियों को लेकर छात्र संगठनों ने रांची विश्वविद्यालय के मोरहाबादी कैंपस में जमकर प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और आजसू छात्र संगठन ने रांची विश्वविद्यालय के पीजी विभाग के सत्र 2019 -21 के छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर रांची विश्वविद्यालय प्रबंधन के समक्ष मांग रखी है. इस दौरान उग्र विद्यार्थियों ने कॉमर्स विभाग में तालाबंदी भी कर दी थी. वहीं बेसिक साइंस बिल्डिंग के समक्ष प्रदर्शन किया.
कोरोना गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन
प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थियों ने कोरोना गाइडलाइंस का जमकर उल्लंघन किया, जबकि कोरोना महामारी को लेकर लगातार अलर्ट जारी किया जा रहा है. एबीवीपी के संयुक्त सचिव अनिकेत अमन ने कहा कि छात्रों की मांग जैसे नामांकन फॉर्म का शुल्क 500 से घटाकर 200 रुपये विश्वविद्यालय प्रबंधन को करना चाहिए, बिल्डिंग फंड और मेंटनेंस शुल्क तत्काल रद्द कर देना चाहिए. इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन सेमेस्टर एक और दो के विद्यार्थियों को मार्कशीट जल्द उपलब्ध कराए. वहीं एबीवीपी ने परीक्षा फॉर्म भरने की तारीख बढ़ाए जाने और बैंक का चालान काटने के लिए अतिरिक्त काउंटर बनाने की भी मांग की है.
विद्यार्थियों से पैसों की मांग
मामले को लेकर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ. पीके वर्मा को ज्ञापन भी सौंपा गया. मौके पर ही डॉक्टर पीके वर्मा ने एग्जामिनेशन कंट्रोलर को परीक्षा शुल्क भरने की तिथि को बढ़ाकर 25 मार्च तक करने का निर्देश भी दे दिया. साथ ही जल्द से जल्द मार्कशीट उपलब्ध कराने की बात भी विद्यार्थियों से कही. आजसू छात्र संघ के सौरभ शर्मा ने कहा कि तालाबंदी का मुख्य कारण 2019-20 के विद्यार्थियों से नामांकन के नाम पर अधिक रुपयों की मांग करना है. इसके अलावा डेवलपमेंट फीस, मेंटनेंस, मैगजीन शुल्क कॉलेज सिक्योरिटी शुल्क के नाम पर भी विश्वविद्यालय प्रबंधन विद्यार्थियों से पैसे मांग रहे हैं, जो सरासर गलत है.