रांची:प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर झारखंड में अबुआ आवास योजना जल्द ही शुरू होने वाली है. नाम के अनुरूप अबुआ संथाली शब्द है जिसका मतलब होता है हमारा या अपना और आवास यानी अपना घर. अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप हेमंत सरकार ने इसकी शुरुआत स्वाधीनता दिवस के मौके पर राज्य की जनता को संबोधित करते हुए की है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि जब प्रधानमंत्री आवास योजना राज्य में चल ही रहा है तो अबुआ आवास योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी है.
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झारखंड में राज्य सरकार की अबुआ आवास योजना को लाने के पीछे कई वजहें हैं. राजनीतिक कारणों के साथ-साथ प्रशासनिक वजहों से भी हेमंत सरकार इसकी शुरुआत करने जा रही है. झारखंड अबुआ आवास योजना 2023 के तहत राज्य के गरीब और निम्न वर्ग के परिवारों को राज्य सरकार मुफ्त में रहने के लिए तीन कमरों वाला पक्का मकान देगी. जिस पर आगामी 2 वर्षों में 15000 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
किन्हें मिलेगा झारखंड अबुआ आवास योजना का लाभ
- आवेदक को झारखंड का मूल निवासी होना होगा
- केवल गरीब तबके के परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा
- जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिल चुका है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा
- आवेदक का न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होना चाहिए
- आवेदक के पास राशन कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र, बैंक खाता का पासबुक मोबाइल नंबर और आधार कार्ड होना आवश्यक है
- आवेदक को यदि घर बनाने के लिए जमीन है तो उसका विवरण देना होगा
- सरकार ऐसे निर्धन और बेघर लोगों को सरकारी जमीन पर तीन रूम का घर बनाकर देगी
- योजना के तहत बेघरों को एक ही जगह पर एक साथ कलस्टर बनाकर घर मुहैया कराया जा सकता है