भागलपुर:जिले की एक बूढ़ी मां पिछले 20 सालों से अपने बेटे की राह देख रही है. घर की चौखट पर बैठकर बेटे की वापसी की आस में मां की आंखें पथरा गई हैं. वो अपने लाडले की एक झलक पाने को बेताब है. लेकिन, प्रशासन और सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उसके बेटे की खोजबीन करने की जिम्मेदारी नहीं उठाई. वहीं, बूढ़ी मां की मानें, तो उसका बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है.
पूरा मामला जिले के सनहौला प्रखंड के मदारगंज पंचायत के रतनपुर गांव का है. यहां की रहने वाली ओखा देवी का पुत्र सीताराम झा आर्थिक तंगी के चलते शादी के बाद 20 साल पहले पंजाब कमाने गया था. इसके बाद वो कभी वापस नहीं लौटा. मां ओखा देवी और पड़ोसियों की मानें तो उसके जाने के चार साल बाद सनोखर थाने की पुलिस ने सीताराम की तस्वीर दिखाते हुए सूचना दी थी कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है.
प्रशासनिक अधिकारियों से कर चुकी है फरियाद
मां ओखा देवी की मानें तो वो तब से लेकर आज तक प्रशासन से लेकर राजनेताओं की चौखट पर अपने बेटे की सकुशल वापसी को लेकर गुहार लगाती रही हैं. लेकिन, उसके बेटे के बारे में कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है. आर्थिक तंगी से लाचार मां कुछ और कर भी नहीं सकती है. एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है. वहीं, बहु ने पति को वापस आता न देख दूसरी शादी कर ली. ओखा देवी घर में अकेले ही रहती है.
झोपड़ी में कर रही हैं गुजारा
ओखा देवी लगभग 75 साल की हो गई हैं. इनके रहने के लिए घर भी नहीं है. एक झोपड़ी है, जिसमें वो रहती हैं. उस झोपड़ी में बारिश के दिनों में पानी टपकता रहता है और हल्की से तेज हवा चलने के कारण झोपड़ी गिर जाती है. घर में खाने को ना अनाज है, ना ही सोने के लिए खाट. जैसे-तैसे भीख मांगकर अपनी जिंदगी काट रही हैं. ऐसे में उनका सपना है कि वो अपनी बूढ़ी आंखों से एक बार अपने लाल को देख पाएं.