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झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 9वें दिन क्या कुछ हुआ, जानिए मुख्य बातें

बुधवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन कार्यवाही में पानी और स्वास्थ्य व्यवस्था को लकर काफी गहमा-गहमी रही. वहीं डीवीसी को लेकर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आमने-सामने दिखे. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग और पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के अनुदान मांगों और कटौती प्रस्ताव पर चर्चा हुई. कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया. इस दौरान बीजेपी के विधायक सदन से वाक आउट कर गए.

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Published : Mar 10, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 8:08 PM IST

9th day proceeding of jharkhand assembly budget session 2021
सदन में उठी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग

रांची: विधानसभा बजट सत्र के दौरान एक बार फिर अधिकारियों के द्वारा सदस्यों के प्रश्नों का सही जवाब नहीं मिलने का मुद्दा छाया रहा. बुधवार को बीजेपी के विधायक सदन में विभागीय अधिकारियों के द्वारा जवाब सही से नहीं देने पर नाराज दिखे. इस मामले में सदन में निर्दलीय विधायक सरयू राय कई दिनों से आवाज उठा रहे थे और आज भी स्पीकर के समक्ष खान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस भेजने के लिए स्पीकर को लिखित रूप से आग्रह किया है.

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सीएम ने दिए संकेत

इधर, सिमडेगा से अपराह्न 4 बजे के करीब विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी जानकारी में यह बातें आई है. जल्द ही वह इस पर संज्ञान लेंगे. मीडिया कर्मियों के द्वारा पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर एक दो दिनों के भीतर झारखंड मुक्ति मोर्चा निर्णय लेगी. सदन की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा परिसर का निरिक्षण किया. इस दौरान वीआईपी गेट के समक्ष लगे भगवान बिरसा की प्रतिमा और गार्डेन को भी मुख्यमंत्री ने जाकर देखा.

सीएम हेमंत सोरेन और स्टीफन मरांडी का बयान

सरयू राय ने रखा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को एक बार फिर सदन में दिए गए जवाब पर विधायक सरयू राय का पारा चढ़ गया. खान विभाग के प्रश्न का सही जवाब नहीं मिलने से नाराज विधायक सरयू राय ने सदन में अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है. स्पीकर इस मामले में सोमवार को फैसला लेंगे.

विधायक सरयू राय

सरकार के मंत्री और अधिकारी नहीं देते प्रश्नों का जवाब- सी पी सिंह

सदन की कार्यवाही के दौरान आज एक बार फिर विधानसभा में विपक्षी दलों के विधायकों ने सरकारी विभागों के द्वारा प्रश्नों का जवाब सही ढंग से नहीं देने का आरोप लगाया बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने विभागीय अधिकारियों पर सदन के समक्ष सही से जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सदन के पटल पर संबंधित विभाग के मंत्री भी इसके प्रति गंभीर नहीं हैं जिसके कारण उन्हें भी पता नहीं रहता है कि प्रश्न क्या पूछे गए हैं और उसका जवाब क्या दिया गया है.

बीजेपी विधायक सीपी सिंह


जवाब नहीं सुनता है विपक्ष

बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन के अंदर जब गंभीर विषय को लेकर सरकार और विभाग से सवाल पूछे जाते हैं तो कितनी अजीब बात है कि विभाग के मंत्री को यह पता नहीं रहता है कि क्या कार्य हुआ है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक मनीष जायसवाल के सवाल का जवाब देते हुए पेयजल व स्वच्छता विभाग के मंत्री ने कहा कि विपक्ष को जनता चुनकर सदन के अंदर उनके मुद्दों को उठाने के लिए भेजी है लेकिन वह सरकार पर सवाल उठाते हैं और जब सरकार का सवाल का जवाब देने का समय आता है तो वह सदन से वाक आउट करके निकल आते हैं.

विधायक मनीष जायसवाल और मंत्री मिथिलेश ठाकुर

स्टीफन मरांडी ने भी अवैध माइनिंग को रोकने की मांग की

उधर विपक्ष के द्वारा लगातार सदन की कार्यवाही से वाक आउट किए जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिग्गज नेता और महेशपुर के विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा है कि विपक्ष को सदन में सहयोग करना चाहिए. हालांकि अवैध माइनिंग पर विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर स्टीफन मरांडी ने कहा कि इसकी रोकथाम करना आवश्यक है और सरकार के मशीनरी को चाहिए इस पर गंभीरता से कार्य करे.

सदन में गूंजा खराब चापाकल और डीप बोरिंग का मामला

झारखंड में गर्मी ने दस्तक दे दी है. पारा चढ़ते ही पानी की किल्लत से लोग जूझने लगते हैं. चापाकल ठप होने लगते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में कितने चापाकल खराब पड़े हैं और डीप बोरिंग की क्या स्थिति है. जवाब में पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. पिछले साल पेयजल को लेकर कोई दिक्कत नहीं हुई थी. गर्मी के मद्देनजर अब तक 8,848 चापाकल की विशेष मरम्मती हो चुकी है. 12,464 सड़े पाइप को मरम्मत किया गया है. राइजर पाइप बढ़ाकर चालू किए गए चापाकल की संख्या 1,634 है. 1,10,581 चापाकलों की सामान्य मरम्मत की गई है. 849 लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत हो चुकी है. विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में चापाकल ठप पड़े हुए हैं.

सदन के अंदर बीजेपी विधायक बिरंची नारायण

स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज 9वां दिन है. विपक्षी दल ने सदन के बाहर डॉक्टरों के हड़ताल को लेकर सरकार को घेरने का काम किया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि 72 घंटे बीत जाने के बाद भी सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर संवेदनशील नहीं है. जिसके कारण स्पष्ट होता है कि सरकार किस तरीके से डॉक्टरों की मांग पर उदासीन है. डॉक्टरों की मांग को लेकर हड़ताल से 72 घंटे बीत जाने के बाद सरकार इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. जिसके कारण रिम्स की ओपीडी सेवा प्रभावित है.

सदन के बाहर बीजेपी विधायकों का प्रदर्शन

DVC पर सत्ता पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

राज्य सरकार और डीवीसी के बीच तकरार जारी है. बकाया भुगतान को लेकर डीवीसी की ओर से राज्य सरकार पर दवाब बना हुआ है. इसको लेकर मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र 2021 के आठवें दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में डीवीसी पर कार्रवाई करने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा तो राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री की इस अपील को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि जब तक डीवीसी का हेडक्वार्टर कोलकाता से नहीं हटाया जाता तब तक यह समस्या बनी रहेगी. सदन में भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि इस संबंध में उनकी ओर से केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखा गया है.

विधायक बिरंची नारायण और इरफान अंसारी

प्रदूषित पानी के कारण लोग हो रहे हैं कैंसर के शिकार-अनंत ओझा

विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को सदन में प्रदूषित पानी के कारण लोगों के बीमार होने का मुद्दा सामने आया. भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा ने साहिबगंज इलाके में प्रदुषित पानी के कारण लोगों के कैंसर के शिकार होने से अवगत कराते हुए सरकार से समुचित कदम उठाने की मांग की. ध्यानाकर्षण के जरिए अनंत ओझा ने कहा कि गंगा के तटीय क्षेत्रों के गांवों में पानी में बड़ी मात्रा में फ्लोराइड और आर्सेनिक होने के कारण लोग बीमार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अकेले साहेबगंज ही नहीं बल्कि राज्य के कई क्षेत्रों में पानी प्रदुषित होने के कारण लोग बीमार हो रहे हैं.

विनोद सिंह ने उठाया कोनहर परियोजना का मामला

भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कोनहर परियोजना मामले को लेकर सदन में सवाल उठाया है. जिस पर विभाग की ओर से कोई स्पष्ट जवाब जवाब नहीं मिल पाया. भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि कोनहर परियोजना योजना एक ऐसी योजना है जो 11 करोड़ से शुरू हुई थी और 500 करोड़ हो गया. 2019 में उद्घाटन के 72 घंटे के बाद ही यह नहर बह गया, उसके बाद से लेकर अब तक नहीं खोला गया, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सरकार का दावा है कि इस कोनहर नहर से बगोदर और डुमरी इलाकों में 23सौ हेक्टेयर जमीन पर खरीफ की फसल की गई है.

विधायक विनोद सिंह

लाइट हाउस प्रोजेक्ट का सदन में भी विरोध

राजधानी रांची के एचएससी परिसर के आनी टोला में बन रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट का विरोध सड़क के बाद सदन में भी शुरू हो गया है. बुधवार को बजट सत्र 2021 के नौवें दिन सत्ता पक्ष के विधायक की ओर से लाइट हाउस प्रोजेक्ट का विरोध किया गया. सदन में सत्ता पक्ष के विधायक ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि मुंबई की एक एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए है. झारखंड विधानसभा के सदन के बाहर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्र सरकार ने झारखंड में बनाने की शुरुआत की है, लेकिन यह परियोजना गरीबों के लिए नहीं है, बल्कि इसके क्राइटेरिया का लाभ पूंजीपतियों को मिलेगा. वहीं विपक्षी विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि राज्य सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि गरीबों को योजना का लाभ मिले, केंद्र सरकार अगर जनकल्याणकारी योजना राज्य को देती है तो मुझे यह नहीं समझ में आता कि सत्ता पक्ष के नेता विधानसभा में इस पर किस बात की बहस कराना चाहते हैं.

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव

छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पत्रकार सुरक्षा कानून

बजट सत्र 2021 के नौवें दिन सदन के अंदर बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि आज के समय में पत्रकारिता जोखिम भरा हो गया है. विधायक ने कहा कि पत्रकारों की समाज में भूमिका अहम है. लेकिन मौजूदा हालात में निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता करना पत्रकार के लिए जोखिम भरा हो गया है. उन्हें काफी परेशानियों और खतरों का सामना करना पड़ता है. बीते कुछ वर्षों की बात करें तो कई ऐसे पत्रकार हैं जो असामाजिक तत्वों के हाथों जान गंवा चुके हैं. इसलिए जिस तरीके से छत्तीसगढ़ सरकार में पत्रकारिता सुरक्षा कानून लाया गया है उसी तर्ज पर झारखंड में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए. ताकि वे लोग जो समाज में लोगों को आईना दिखाने का काम करते हैं, राज्य उनको सुरक्षा देने में सक्षम हो. बिरंची नारायण ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने से निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को सुरक्षा मिल सकेगी. इससे वे समाज को निर्भीक होकर आईना दिखा सकेंगे. विधायक ने मांग राज्य सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाए और झारखंड में इसे लागू किया जाए.

बीजेपी विधायक बिरंची नारायण
Last Updated : Mar 10, 2021, 8:08 PM IST

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