रांची:सत्र 2019 एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की परीक्षा में 170 विद्यार्थी शामिल हुए. तीन पेपर के लिए आयोजित इस परीक्षा में 76 छात्र फेल हो गए. जानकारी के मुताबिक इन्हें एनाटॉमी के पेपर में फेल कर दिया गया है और एक पेपर में फेल हो जाने से इन छात्रों का भविष्य खराब हो सकता है. इसी से आक्रोशित होकर रिम्स के विद्यार्थी(students of rims) रांची विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पहुंचे और कुलपति(Vice Chancellor) को पूरे मामले से अवगत कराते हुए दोबारा उनके कॉपियों की जांच की मांग की गई.
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कॉपियों की दोबारा जांच की मांग पर अड़े परीक्षार्थी
रिम्स के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ
एमबीबीएस फर्स्ट ईयर(MBBS first year) के एक विद्यार्थी ने कहा की रिम्स में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब एक साथ 76 विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया है. मामले को लेकर परीक्षा नियंत्रक(examination controller) और स्वास्थ्य मंत्री से भी फिर से कॉपी चेक करने की मांग की गई है. दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री की ओर से रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को दोबारा इन विद्यार्थियों की कॉपी जांच करने का आग्रह किया गया है. इसके बावजूद इन परीक्षार्थियों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा की घोषणा (Supplementary exam announcement) की गई है और इसका विद्यार्थी विरोध कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि उनकी कॉपियों की दोबारा जांच होनी ही चाहिए. वो सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं देंगे.
नहीं मानी गई मांगें, तो होगा जोरदार आंदोलन
विद्यार्थियों का ये भी कहना है कि उन्होंने अपनी परेशानियों को लेकर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और वीसी को भी अवगत कराया है. इसके बावजूद इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया है. विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से सप्लीमेंट्री परीक्षा के लिए फॉर्म भरने का डेट निकाल दिया गया है. अंतिम तिथि 10 जुलाई की है. विश्वविद्यालय प्रबंधन(university management) को इन विद्यार्थियों के हित में फैसला लेना होगा .नहीं तो इस आंदोलन को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा.