रांची: झारखंड की निजी कंपनियों में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विधेयक 2021 पास हो गया है. श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इस प्रस्ताव को पेश किया था. तब मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायक वेल में आकर नियोजन नीति और नमाज के लिए कमरा आवंटन को रद्द करने की मांग कर रहे थे.
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आपको बता दें कि यह विधेयक पिछले बजट सत्र में ही आया था लेकिन कुछ सुझाव आने के बाद प्रवर समिति में भेज दिया गया था. इस विधेयक के पास होने से झारखंड के प्राइवेट सेक्टर में 40 हजार वेतन तक की नौकरी में स्थानीय उम्मीदवारों को 75 प्रतिशत आरक्षण मिल सकेगा.
इसके अलावा झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2021 और झारखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2021 को भी सदन से स्वीकृति मिली है. भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सरकार ने नगर निकाय चुनाव में भ्रष्टाचार की गंगा बहाने के लिए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को दलीय आधार पर कराने की व्यवस्था हटा दी है. इससे साफ है कि सरकार को डर है कि निकाय चुनाव में भाजपा की जीत होने से सत्ता पक्ष की फजीहत हो जाएगी.
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भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2021 के उस प्रावधान पर आपत्ति जतायी कि अब नगर निकाय का चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी दलीय आधार पर ही चुनाव लड़कर प्रतिनिधि पहुंचते हैं. ऐसे में नगर निकाय में भी दलीय आधार की व्यवस्था होनी चाहिए थी. अगर ऐसा नहीं होगा तो मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीतने के बाद संबंधित उम्मीदवार किसी भी पार्टी की तरफ रूख कर सकते हैं. ऐसे होने से निचले स्तर पर भ्रष्टाचार बढ़ेगा. इस दौरान सदन के वेल में भाजपा के विधायक हंगामा करते रहे. भाजपा विधायकों ने कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना का विरोध किया. इस दौरान पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच वेल में तीखी बहस भी हुई. भाजपा विधायकों ने कार्यसूची की कॉफी फाड़कर सदन में उछाली.