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नहीं थम रहा छठी जेपीएससी विवाद, न्यायालय के आदेश के अनुरूप कदम उठाने में जुटी सरकार

झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश पर झारखंड लोक सेवा आयोग ने छठीं सिविल सेवा परीक्षा की संशोधित मेरिट लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि नियुक्ति रद्द किए बिना ही मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई है.

Sixth JPSC controversy
नहीं थम रहा छठी जेपीएससी विवाद

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Published : Mar 12, 2022, 10:14 PM IST

रांचीः झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने शुक्रवार को छठीं सिविल सेवा परीक्षा की संशोधित मेरिट लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन परीक्षा परिणाम में अब भी पेंच फंसा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि संशोधित मेरिट लिस्ट हाइकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच के फैसले के अनुरूप नहीं है. वे इसपर कई और सवाल उठा रहे हैं.

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अभ्यर्थियों ने बताया कि 29 मई 2020 को अनुशंसित मेरिट लिस्ट में 326 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई. इसमें 60 अभ्यर्थी नई मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए हैं. वहीं, 60 नये अभ्यर्थी इस मेरिट लिस्ट में शामिल किए गए हैं. आयोग की ओर से पहले की गई अनुशंसा के अनुसार सभी 326 अभ्यर्थी राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं में कार्यरत हैं और वेतन भी उठा रहे हैं. अब इस नई मेरिट लिस्ट के आने के बाद बाहर हुए अभ्यर्थियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. हालांकि, राज्य सरकार न्यायालय के दिशानिर्देश के अनुसार कदम उठाने का निर्णय लिया है. जेपीएससी की ओर से नई मेरिट लिस्ट के आधार पर नये सिरे से अनुशंसा किये जाने के बाद कार्मिक विभाग आगे की कारवाई करने का निर्णय लिया है.

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जेपीएससी की ओर से जारी संशोधित मेरिट लिस्ट पर सवाल खड़ा कर रहे छात्रों का मानना है कि हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच ने जो फैसले दिए हैं. उस फैसले के अनुरूप आयोग ने कार्रवाई नहीं की है. छात्रों ने बताया कि जेपीएससी ने हड़बड़ी में गड़बड़ी कर अपनी गर्दन बचाने की कोशिश की है. अभ्यर्थी अनिल पन्ना कहते हैं कि 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई है. इससे पहले अवमानना से बचने के लिए जेपीएससी ने हड़बड़ी में गड़बड़ी कर संशोधित मेरिट लिस्ट जारी की है.

अभ्यर्थियों ने बताया कि आयोग की ओर से जारी संशोधित मेरिट लिस्ट में एक जगह लिखित परीक्षा का रिजल्ट है तो दूसरी तरफ फाइनल मेरिट लिस्ट है. झारखंड हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 7 जून 2021 को छठीं जेपीएससी परीक्षा के रिजल्ट को निरस्त कर फिर से मेरिट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था. इसके बाद डबल बेंच भी 23 फरवरी 2022 को इस नियुक्ति को अवैध मानते हुए सिंगल बेंच के निर्णय को सही ठहराया. इस स्थिति में आयोग को सबसे पहले इस नियुक्ति को निरस्त करके नये सिरे से मेरिट लिस्ट बनानी चाहिए थी, जो आयोग ने नहीं किया है. अभ्यर्थी राजकुमार मिंज ने बताया कि जेपीएससी ने जल्दबाजी में संशोधित रिजल्ट जारी किया है.

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