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झारखंड के 48 डॉक्टरों की कोरोना से मौत, 15 महीने बाद भी परिजनों को आर्थिक सहायता का इंतजार

कोरोना काल में वॉरियर्स के रूप में लोगों की सेवा करने वाले डॉक्टरों की मौत के बाद सरकार की ओर से उनके परिजनों को अब तक सहायता राशि नहीं दी गई है. झारखंड में कोरोना काल में अपनी सेवा देते हुए 48 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है.

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Published : May 30, 2021, 8:02 PM IST

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डॉक्टर्स

रांची:मार्च 2020 से ही कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी महायुद्ध में जिन लोगों ने अपनी भूमिका सबसे ज्यादा निभाई है, वह हैं डॉक्टर. करीब सवा साल से लगातार बिना रुके कोरोना संक्रमितों के इलाज के दौरान राज्य के कम से कम 48 डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने इस लड़ाई में अपनी प्राण की आहुति दी है. कोरोना की पहली लहर में 20 और दूसरे लहर में राज्य में 28 डॉक्टरों की मौत कोरोना से हो चुकी है. अब झारखंड ima ने कोरोना से जिन डॉक्टरों की जान गई है, उनके परिजनों के लिए सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

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कोरोना की पहली लहर में मारे गए डॉक्टरों के परिजनों को नहीं मिली आर्थिक सहायता


कोरोना की दूसरी लहर में मरने वाले 28 डॉक्टरों के नाम की सूची मुख्यमंत्री को सौंप कर राहत राशि देने की मांग करने वाले ima झारखंड के महासचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा, कि दुःखद तो यह है कि कोरोना 1.0 के दौरान राज्य और केंद्र की सरकार द्वारा बड़ी-बड़ी बातें की गई थी, लेकिन मरने वाले 20 डॉक्टरों की सूची भेजने का बाद भी उनके परिजनों को कुछ नहीं मिला है, अब 28 और डॉक्टर दूसरी लहर में काल के गाल में समा गए हैं.



पहली लहर में मरने वाले 20 डॉक्टरों के नाम

1. डॉ. शेखर दत्त
2. डॉ. smt बेनी चौधरी
3. डॉ. चंदा सिन्हा
4. डॉ. अभय प्रताप
5. डॉ. निर्मल खन्ना
6 डॉ. जेएन मिश्रा
7. डॉ. सीके ठाकुर
8. डॉ. सीताराम साह
9.डॉ. आरके भट्टाचार्या
10. डॉ. बीरेंद्र सेठ
11. डॉ. एमएम अग्रवाल
12. डॉ. जेपी लाल
13. डॉ. बीपी चौधरी
14. डॉ. सुजीत कुमार पाल
15. डॉ. सुरेश प्रसाद
16. डॉ. एच गार्डिन
17. डॉ. केएन सिन्हा
18. डॉ. सीके ठाकुर
19. डॉ. आरके निराला
20. डॉ. कृष्ण मुरारी


कोरोना की दूसरी लहर में मरने वाले डॉक्टरों के नाम, परिजनों को सरकार से सहयोग का इंतजार

धनबाद में मृत डॉक्टरों के नाम

1. डॉ. गौतम पांडेय
2. डॉ. एस साहा
3. डॉ. शोभा साहा
4. डॉ. एके सिन्हा

दुमका में मृत डॉक्टरों के नाम

5. डॉ. आरके सिंह
कोडरमा
6. डॉ. संजीव कुमार

पलामू
7. डॉ. विजय डुंग डुंग
8. डॉ. अखिलेश कुमार सिन्हा
9. डॉ. कलानंद मिश्रा

पाकुड़
10. डॉ. मनोज गहलोत

जमशेदपुर
11. डॉ. बीरेंद्र प्रसाद
12. डॉ. दिलीप मांझी
13. डॉ. डीएन सिंह
14. डॉ. मिथिलेश कुमार
15. डॉ. आर के राम
16. डॉ. आरपी गुप्ता
17. डॉ. जेवियर बारा
18. डॉ. यूएस सिंह,डेंटल

रांची

19. डॉ. मो. सिराजुद्दीन
20. डॉ. अनिल श्रीवास्तव
21. डॉ. पीके सेनगुप्ता
22. डॉ. जे मुंडू
23. डॉ. इंद्रेश तिवारी
24. डॉ. बैद्यनाथ शर्मा
25. डॉ. आरएन सिंह

गढ़वा
26. डॉ. इन्देश्वर तिवारी
27. डॉ. बिंदेश्वर रजक

देवघर
28. डॉ. राजीव सिंह

Ima के झारखंड इकाई प्रेसिडेंट ने जताई चिंता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के झारखंड चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ. एके सिंह, महासचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि कोरोना मुक्त झारखंड बनाने की कोशिश में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉक्टरों का परिवार आज खौफ में है, कार्य के दौरान कोरोना का शिकार हो जाने वाले डॉक्टरों को भी यह भय सता रहा है, कि भगवान न करें कि अगर उनके साथ कोई अनहोनी हो गई तो क्या होगा, ऐसे में हेमंत सोरेन की सरकार को पहल करने की जरूरत है.

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क्या कहते हैं डॉक्टर
रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विकास सिंह कहते हैं कि डॉक्टर्स बिना रुके और बिना थके कोरोना संक्रमितों की सेवा में दिन रात लगे हैं, लेकिन पहले सरकारों द्वारा की गई घोषणा के बाद भी मृत डॉक्टरों के परिजनों को कोई सहायता नहीं मिलना दुःखद है और इसपर सरकार को जल्द फैसला लेना चाहिए.


डॉक्टरों का बढ़े मनोबल
वहीं IMA झारखंड के राज्य संयोजक डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपनी जान गंवा देने वाले डॉक्टरों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने से उन डॉक्टरों का मनोबल बढ़ेगा, जो अभी मरीजों की दिन रात सेवा में लगे हैं.

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क्या कहते हैं अधिकारी
राज्य में वैक्सीनेशन के स्टेट नोडल अधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा से जब दैनिक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में ईटीवी भारत (etv bharat) ने इस सवाल को उठाया तो उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, जिनका निधन कोरोना काल में कार्य के दौरान हुआ है, उनके परिजनों को अनुग्रह क्षतिपूर्ति पर सरकार विचार कर रही है और 31मई तक ऐसे सभी लोगों का नाम एक प्रपत्र में भरकर देने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.

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