रांची:राजधानी रांची में हर महीने औसतन 40 से 45 लोग अपनी जान सड़क हादसों में गंवा देते हैं. मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है. सड़क हादसों के पीछे सबसे बड़ी वजह ड्रंक एंड ड्राइव, रैश ड्राइविंग और ईयर फोन लगाकर ड्राइव करना सामने आई है. साल 2021 में सड़क हादसों में जहां 448 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, वहीं साल 2022 में नवंबर महीने तक कुल 406 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं (406 people lost their lives in road accidents).
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सड़क हादसे घटे पर मौत के आंकड़े बढ़े:राजधानी में पिछले दो सालों में सड़क हादसों का ग्राफ गिरा है, लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि मौत के आंकड़ों में कोई कमी नहीं आई है. आमतौर पर हर बार साल के तीन महीने नवंबर, दिसंबर और जनवरी में सड़क हादसों में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है. इसके पीछे कई वजहें होती हैं जैसे कुहासा और नए साल का जश्न, लेकिन इस वर्ष जनवरी महीने के बाद के अगले 11 महीने में भी सड़क हादसों में होनी वाली मौत का औसत जनवरी जैसे ही बना हुआ है. 2022 में सिर्फ सितंबर महीने में ही मौत की संख्या 18 रही नहीं तो बाकी महीनों में सड़क हादसों में जान गंवाने वालो का औसत पूर्व की तरह की बरकार रहा.
ड्रंक एंड ड्राइव सबसे बड़ी वजह:जानकार बताते हैं कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ड्रंक एंड ड्राइव है, लेकिन सड़क हादसों के पीछे एक और बड़ी वजह सामने आई है वह हेडफोन और ईयर बर्ड. हाल के दिनों में हेडफोन और ईयर बर्ड लगाकर वाहन चलाने का चलन काफी बढ़ी है. यही वजह है कि पिछले 11 महीने में सड़क हादसों में जान गंवाने वाले अधिकांश लोग या तो नशे में ड्राइव कर रहे थे या फिर उन्होंने कानों में ईयर फोन लगा रखा था.
क्या थे साल 2021 के आंकड़े:साल 2021 में केवल रांची में ही केवल 448 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. 339 लोग बेहद गंभीर रूप से घायल हुए. करीब 100 से ज्यादा लोगों को सड़क हादसों में घायल होने की वजह से अपंग होना पड़ा.
18 से 35 उम्र के हुए सबसे ज्यादा शिकार:रांची के सड़क सुरक्षा कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार सड़क हादसों में मरने वाले सबसे ज्यादा युवा हैं, इनकी उम्र 18 से 35 के बीच है. तेज रफ्तार, शराब और ईयर बर्ड, हेडफोन का इस्तेमाल हादसों की प्रमुख वजह है.
एनएच और रिंग रोड सबसे ज्यादा हादसे:पहले के सालों में रांची के शहरी इलाकों में भी सड़क हादसे ज्यादा हुआ करते थे, लेकिन उनमें काफी कमी आई है. फिर भी दुखद बात यह है कि अब सड़क हादसे बेहतर सड़कों पर हो रहे हैं. रांची के सड़क सुरक्षा प्रबंधक जमाल अशरफ खान के अनुसार सबसे अधिक सड़क हादसे बेहतरीन सड़कों पर हुए हैं. जिनमें रांची के रिंग रोड, रांची टाटा रोड शामिल हैं. हाल के दिनों में इन सड़कों को बेहतर किया गया है. जिसके बाद यहां चलने वाले वाहनों की रफ्तार काफी तेज हो गई है. खासकर युवा हाई स्पीड बाइक चलाते हैं. ऐसी बाइक 200 सीसी इंजन से शुरू होती है. हाई स्पीड इंजन वाली बाइक को चलाना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल इसे आपात स्थिति में संभालना होता है.
बाइक में लगे ट्विन डिस्क ब्रेक के कारण अक्सर युवा दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. आज के युवा भी हेलमेट पहने में भी आनाकानी करते हैं. सड़क हादसों में जितने युवाओं की जान गई है, उनमें से अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था. सड़क हादसे में बगैर हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं बांधने के कारण सर्वाधिक जानें गई हैं.
हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं:रांची के डीटीओ प्रवीण प्रकाश के अनुसार रैश ड्राइविंग और ड्रंक एंड ड्राइव करने वाले चालकों पर नकेल कसने के लिए लाइसेंस सस्पेंड का काम तेजी से किया जा रहा है. साल 2022 के अंत तक 7 हजार डीएल सस्पेंड किया गया है. जिन लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया गया है अगर वह दोबारा वही गलती करते हैं तो अगली बार उनके डील को रद्द कर दिया जाएगा.
ड्रंक एंड ड्राइव के खिलाफ अभियान में तेजी लाई जाएगी:वहीं, दूसरी तरफ रांची के प्रभारी ट्रैफिक एसपी नौशाद आलम ने बताया कि राजधानी में ड्रंक न ड्राइव को लेकर अभियान में तेजी लाई गई है यह जरूर है कि पूर्व में ब्रेथ एनालाइजर नहीं होने की वजह से अभियान चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब ट्रैफिक पुलिस के पास पर्याप्त मात्रा में ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध है, जिसके बाद शाम 6 से लेकर रात के 11 बजे तक हर दिन ड्रंक एंड ड्राइव अभियान चलाया जा रहा है. केवल 3 महीनों में ही 500 के करीब लोग ड्रंक एंड ड्राइव में पकड़े गए हैं. इनका मेडिकल टेस्ट करवा कर उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई तो की ही जा रही है, साथ में उनके डीएल को सस्पेंड करने के लिए डीटीओ को भी पत्र लिखा गया है.
हाइवे पैट्रोलिंग को दिया गया टास्क:रांची के प्रभारी ट्रैफिक एसपी नौशाद आलम ने बताया कि जाड़े का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में कोहरा एक बड़ी समस्या है. कोहरे की वजह से भी खासकर हाईवे पर बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें काफी लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में हाईवे पेट्रोल को यह निर्देश दिया गया है कि वे हाईवे के किनारे जहां-तहां लगाए जाने वाले माल वाहक वाहनों पर नजर रखें और उन्हें समय रहते सड़क पर से हटाने का काम करें.