रांची: झारखंड आर्म्ड फोर्स वन का 141वां स्थापना दिवस समारोह रांची के जैप ग्राउंड भव्य तरीके से बनाया गया. झारखंड आर्म्ड फोर्स का इतिहास काफी गौरवमय रहा है. झारखंड में वीआईपी सुरक्षा की बात हो या फिर नक्सलियों से लोहा लेने की, इस बटालियन के जवानों ने अपने जीवन का बलिदान देकर भी अपना कर्तव्य निभाया है.
गौरवमई इतिहास है जैप का
जैप वन के कमांडेंट अनीश गुप्ता ने जैप एक के गौरवमयी इतिहास को साझा करते हुए बताया कि अंग्रेजों के शासन काल में इस वाहिनी की स्थापना बंगाल मिलिट्री पुलिस के नाम से हुई थी. इस वाहिनी की प्रतिनियुक्ति तत्कालीन बंगाल प्रांत, बिहार, ओडिशा को मिलाकर की जाती रही. वर्ष 1950 में इस महीने का नाम बदलकर गोरखा मिलिट्री रखा गया. इस वाहिनी की प्रतिनियुक्ति नियमित रूप से देश के विभिन्न राज्यों में की जाती रही. जिसमें वर्ष 1914 से 1911 तक दिल्ली दरबार, वर्ष 1915 में बंगाल, वर्ष 1917 में मयूरभंज, मध्य प्रदेश, 1918 में सरगुजा मध्य प्रदेश, 1953 में जम्मू कश्मीर. वहीं 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय इस वाहिनी को त्रिपुरा के आंतरिक सुरक्षा कार्य के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था. साल 2000 में जब झारखंड अलग राज्य बना तब इस वाहिनी का नाम बदलकर झारखंड सशस्त्र पुलिस वन रखा गया.
कोरोना की वजह से आनंद मेले का आयोजन नहीं
कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार आनंद मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. इससे पहले स्थापना दिवस पर आनंद मेले का आयोजन किया जाता रहा, जिसमें काफी भीड़ हुआ करता था.