रांचीः करोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी लॉकडाउन कर दिया गया है. जिसको लेकर सभी चीज हर जगह थम गई है, लेकिन इस लॉकडाउन के विशेष परिस्थिति में भी एंबुलेंस की सेवा बदस्तूर जारी है. झारखंड में भी एंबुलेंस की सेवा को मेडिकल सुविधा के लिए चालू रखा गया है. ताकि गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल लाया जा सके. कोविड-19 के कारण आए इस संकट के दौर में एंबुलेंस और उसके चालक भी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में लगातार अपनी भागीदारी निभा रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पूरे राज्य में 108 एंबुलेंस की संख्या लगभग 360 है जिसमें सभी जिलों में कोविड-19 के मरीजों के लिए तीन-तीन एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. आईडीएसपी झारखंड से मिली जानकारी के अनुसार यह बताया गया है की वर्तमान में राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा के 72 एंबुलेंस को कोविड-19 के मरीजों के लिए चिन्हित किया गया है. मतलब कि प्रत्येक जिला में 108 एंबुलेंस सेवा की तीन-तीन एंबुलेंस मुहैया कराई गई है.
जान पर खेलकर चालक दे रहे सेवा
कोरोना के संकट में एंबुलेंस चालक भी अपनी जान पर खेलकर लगातार सेवा दे रहे हैं. रिम्स में कार्यरत एंबुलेंस संचालक इंद्रजीत सरकार बताते हैं कि इस वक्त एंबुलेंस का काम अत्यधिक हो गया है. कोविड-19 के बढ़ते संदिग्ध मरीजों को अस्पताल तक लाना उसके बाद जो मरीज इस वायरस से संक्रमित हुए हैं उन्हें भी एंबुलेंस के माध्यम से ही अस्पताल तक लाया जाता है.
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अपनी सुरक्षा बरतते हुए पॉजिटिव मरीज को लाने जाते हैं चालक
वहीं, उन्होंने बताया कि एंबुलेंस चालक कोरोना के पॉजिटिव मरीज को लाने से पहले अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई किट, हैंड ग्लव्स, हेड गियर सहित विभिन्न उपकरण पहनते हैं. उसके बाद कोरोना के पॉजिटिव मरीज को अस्पताल तक लाते हैं ऐसे में उन्हें कई बार वाहन चलाने में भी दिक्कतें होती है लेकिन वह अपने दायित्व को निभाते हुए अपना काम लगातार कर रहे हैं.
एंबुलेंस से लाई जा रही कोविड-19 से जुड़ी दवाएं
लॉकडाउन होने के कारण सड़क पर वाहनों की भी काफी कमी है इसीलिए जरूरत पड़ने पर कोविड-19 से जुड़ी दवाओं को लाने के लिए भी एंबुलेंस का ही प्रयोग किया जा रहा है. एंबुलेंस चालक बताते हैं कि स्वास्थ्य कर्मचारी होने के नाते यह हमारा धर्म बनता है कि किसी भी कीमत पर लोगों को उन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचा जाए, इसीलिए इस संकट के दौर में सभी एंबुलेंस चालक बिना डरे और हिचके अपना काम किए जा रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.