रामगढ़:रामगढ़ में एक महिला सरकारी सिस्टम के मकड़जाल में उलझकर दर-दर भटकने को मजबूर है. सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है. अधिकारियों के सामने खड़े होकर कर रही है-'देख लीजिए साहब..मैं जिंदा हूं'. दरअसल, चितरपुर प्रखंड के लारीकला पंचायत में रहने वाली सेबुन निशा की डेढ़ साल पहले पेंशन बंद हो गई. महिला मुखिया के पास गई तब पता चला कि उसे मृत घोषित कर दिया गया. घर की हालत ऐसी दाल रोटी पर भी आफत आन पड़ी है. आस पड़ोस के लोगों से मांगकर गुजारा कर रही है.
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सरकारी दफ्तर के काट रही चक्कर
महिला बताती है कि कई बार ब्लॉक के चक्कर लगाए लेकिन काम नहीं हुआ. मुखिया से भी निवेदन किया लेकिन वहां से भी थक हारकर बैठ गई. निशा का कहना है कि पति की मौत के बाद कुछ सालों तक पेंशन मिलती रही, लेकिन डेढ़ साल पहले अचानक पेंशन मिलना बंद हो गया. गांव के एक शख्स ने पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए 800 रुपए मांगे लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ.