रामगढ़ः जिला में स्कूल बसों में बच्चों को क्षमता से अधिक बैठाया जा रहा है जो कि कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन है. साथ ही साथ बसों में इस भीषण गर्मी में बच्चों की स्कूल जाने और स्कूल से घर आने में काफी परेशानी हो रही है. अभिभावक भी स्कूल प्रबंधन और बस संचालक का विरोध नहीं कर पा रहे हैं. जिला प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए रामगढ़ जिला अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है. लेकिन स्कूल प्रबंधन और बस संचालक गाइडलाइन का खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं.
स्कूल बसों में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन, क्षमता से अधिक बच्चे सवार - रामगढ़ में स्कूल बस
रामगढ़ में स्कूल बसों में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है. इन बसों में क्षमता से अधिक बच्चे सवार हैं, जिससे उनकी जान को भी जोखिम में डाला जा रहा है. इसको लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने अभिभावकों और बच्चों से बात की. जानिए, क्या कहते हैं वो.
आप वीडियो में देख रहे हैं, इसमें आपको स्पष्ट नजर आ जाएगा कि किस तरह बच्चों को एक ही बस में क्षमता से अधिक ठूंस दिया जा रहा है. जिसके कारण बच्चे बोनट से लेकर पीछे तक बैठे नजर आएंगे. साथ ही साथ 2 दर्जन से अधिक बच्चे खड़े होकर सफर कर रहे हैं. स्कूल की छुट्टी होती है उस दौरान बच्चे बसों में सीट के लिए दौड़ते हैं. इस दौरान कई बच्चों को चोट भी लग जाती है. किसकी शह पर बस का किराया वसूलने के बाद भी बच्चों को भेड़-बकरियों की तरह बस में ठूंसकर स्कूल ले जाया जा रहा है और स्कूल से घर छोड़ा जा रहा है.
ईटीवी भारत की टीम ने बच्चों के अभिभावकों, बस ड्राइवर, बच्चे और बस में सवार शिक्षक से बात की. इसपर अभिभावकों ने खुलकर बस संचालक और स्कूल प्रबंधन को कोसा. बच्चों ने अपनी पीड़ा बताई. लेकिन बस संचालक बस मालिक के आदेश का राग अलापते दिखे. बस ड्राइवर ने माना कि बस में 75 से 80 बच्चे बैठे हैं जबकि बस की क्षमता 52 से अधिक नहीं होती है. बस में स्कूल के शिक्षक भी मौजूद थे लेकिन जब उनसे पूछा गया तो वह मौन रह गए.