रमगढ़: छठी जेपीएससी का रिजल्ट जारी हो गया है. जिसमें रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड के छोटकीपोना के दो युवक ने सफलता हासिल की है. यह बात सत्य है कि 'आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है' छोटकीपोना के होनहार बेटे धनंजय प्रकाश ने साबित कर दिया है. गांव से गरीबी की आग में तपकर निकला यह प्रकाश अब झारखंड में अधिकारी बनने जा रहा है. धनंजय प्रकाश का चयन छठी जेपीएससी में वित्त विभाग में हुआ है.
सफर में आए कई कांटे
धनंजय ने विपरीत हालातों से जूझकर जेपीएससी तक का सफर तय किया है. इस दौरान उनकी जिंदगी में कई कठिनाइयां आई, लेकिन किसी मोड़ पर धनंजय का हौसला नहीं टूटा. छठी जेपीएससी में चयन होने की जानकारी मिलने के बाद उसके गांव में खुशी का माहौल है. गांव के लोगों के साथ ही रिश्तेदार और परिचित भी उन्हें बधाई दे रहे हैं, हालांकि लॉकडाउन के दौरान परिजन उनके घर तक नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन इस होनहार बेटे पर सभी को गर्व है.
साधारण परिवार से हैं धनंजय
धनंजय के पिता नंदकिशोर महतो एक साधारण किसान हैं. माता-पिता ने काफी कठिनाइयों से फीस दे कर धनंजय को पढ़ाया. उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे धनंजय को महानगर भेज कर उसकी कोचिंग करा सकें. घर में गरीबी का आलम यह था कि मां यशोदा को भी छोटे-मोटे काम में पति का साथ दे रही है. गरीबी के बीच पले-बढ़े धनंजय को सुख सुविधाओं का अभाव रहा, लेकिन फिर भी धनंजय प्रकाश के हौसले में कमी नहीं आई.
धनंजय ने गांव के पास केवी स्कूल से 1994 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद उनका दाखिला छोटानागपुर कॉलेज में इंटर में हुआ. इंटर के बाद रामगढ़ कॉलेज से इतिहास ऑनर्स से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद से ही वे तैयारी में जुट गए थे. पहले तीसरी जेपीएससी की परीक्षा दी जिसमें वे पास नहीं हो सके, लेकिन चौथी जेपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की, लेकिन साक्षात्कार में वे सफल नहीं हो सके. फिर पांचवी जेपीएससी में भी साक्षात्कार में वे सफल नहीं हो सके, लेकिन छठी जेपीएससी में उनका चयन हो गया. अब वे अपनी मंजिल पर पहला कदम रखेंगे.
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बिना कोचिंग की है तैयारी
धनंजय प्रकाश की मां यशोदा को यह पता चला कि उसका बेटा अधिकारी बनने वाला है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है. आंखों में खुशी के आंसू लिए उन्होंने अपने बेटे की मेहनत का नतीजा बताया है. वे काफी खुश हैं और बेटे की सफलता के लिए आशीर्वाद दे रही हैं. धनंजय प्रकाश के परिजनों ने कहा कि इसकी लगन को देखकर लगता था कि यह जरूर सफल होगा, लेकिन तीन बार से निराशा को देखकर हमलोगों ने उसे हौसला दिया. उन्होंने बताया कि धनंजय ने बिना कोचिंग के और बिना किसी सहारे के खुद के बदौलत जेपीएससी की परीक्षा में पास की है, जो गर्व की बात है.
धनंजय प्रकाश ने कहा कि मेरे जेपीएससी की परीक्षा पास करने का पूरा श्रेय मेरे माता-पिता के साथ साथ समाज के प्रबुद्ध लोगों को जाता है, जिन्होंने मुझे हमेशा हौसला दिया है. छठी जेपीएससी में रिजल्ट आने के बाद वे काफी खुश हैं. उनका चयन रैंक के आधार पर वित्त विभाग में हुआ है. वहीं गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र महतो ने कहा कि धनंजय ने केवल परिवार का ही नाम नहीं बढ़ाया, बल्कि पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य का भी नाम ऊंचा किया है, कम संसाधन में भी जेपीएससी में चयन होना यह काफी हर्ष का विषय है. उन्होंने धनंजय को बधाई दी है.