रामगढ़: जिले में इस लॉकडाउन के दौरान एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है, इसे आस्था कहें या अंधविश्वास. सैकड़ो की संख्या में महिला और पुरुष अपनी जान की परवाह किए बगैर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर पूजा पाठ करने में जुट गए, इस भीड़ को हटाने में कुज्जू पुलिस भी नाकाम रही.
झूमने लगीमहिला ओझा
दरअसल, रामगढ़ जिले के कुज्जू क्षेत्र में एक सहजन (मुनगा) के पेड़ के तने में त्रिशूल और डमरू की आकृति (चित्र) देखा गया. यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई. फिर क्या देखते ही देखते उक्त स्थल पर दूर-दूर से सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी. यहां लोगों की इस आस्था ने लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क लगाना सब कुछ भुला दिया. ग्रामीण वहां पूजा की सामग्री लेकर पहुंचने लगे यही नहीं वहां ग्रामीण पूजा पाठ भी करने लगे. इन सबके बीच वहां एक महिला ओझा झूमने लगी और अपनी धुनी रमाने लगी.
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'नहीं समझ रहे लोग'
ग्रामीण महिला ने कहा कि चिन्ह में त्रिशूल और डमरू है, हम लोग यही सोच रहे हैं रात में दिया जलाएंगे. शंकर जी पेड़ में प्रकट हो गए हैं. ग्रामीण एक स्वर में भोलेनाथ के लिए नारा भी लगाते दिखे. भीड़ हटाने आए कुज्जू पुलिस ने कहा कि भीड़ होने की सूचना पर पहुंचे और उन्हें हटाने और समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं. सख्ती से बोलने पर चले तो जाते हैं, फिर हमारे जाते ही वापस जमा हो जाते हैं.