रामगढ़ः चुट्टूपालू घाटी में एलपीजी गैस लदा टैंकर पलट गया. जिसमें टैंकर के चालक और खलासी बुरी तरह घायल हो गए. उन्हें रामगढ़ पुलिस ने इलाज के लिए रांची भेज दिय है. दुर्घटना के कारण रांची-रामगढ़ मुख्य मार्ग पूरी तरह करीब 4 घंटा जाम रहा. जिसके कारण रामगढ़ और रांची की ओर लगभग 10 किलोमीटर तक जाम देखने को मिला. करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चार हाइड्रा और एक क्रेन के माध्यम से सड़क से गैस टैंकर को उठाया गया और घाटी में ही किनारे किया गया. इसके बाद पुलिस ने आवागमन को चालू करवाया.
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रामगढ़ जिले के चूट्टूपालू घाटी में दुर्घटना का सिलसिला जारी है. बीती रात करीब 1बजे एलपीजी गैस का टैंकर अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए दोनों सड़क के बीचो बीच पलट गया. इसके कारण सड़क के दोनों और आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद रामगढ़ पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर घायल ड्राइवर और खलासी को इलाज के लिए रांची भेज दिया और फायर ब्रिगेड की टीम के साथ क्रेन मंगवाई. लेकिन रात में एलपीजी लदे होने के कारण टैंकर को नहीं उठाया जा सका. सुबह पुलिस टेक्निकल टीम फायर ब्रिगेड एनएचआई की रेस्क्यू टीम द्वारा संयुक्त प्रयास से चार हाइड्रा और एक क्रेन के माध्यम से लगभग 3 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद एलपीजी हैवी टैंकर को उठाया गया और सड़क के किनारे करवाया गया. हालांकि दुर्घटना में सबसे अच्छी बात यह रही कि टैंकर से गैस लीक नहीं हुआ. यदि गैस लीक होती तो किसी बड़े अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था.
घटना के बाद रांची और रामगढ़ की पुलिस द्वारा दोनों और के आवागमन को पूरी तरह रोक दिया गया था. जिसके कारण लगभग 7 किलोमीटर तक गाड़ियों के पहिए पूरी तरह रुक गए थे. लंबी दूरी के बस यात्री वाहन और बड़ी गाड़ियां सड़कों पर ही खड़ी हो गई थी. लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोगों को दुर्घटना के बाद जाम के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. घाटी में पलटे एलपीजी टैंकर को किनारे करवाने के बाद रामगढ़ पुलिस को जाम खत्म करवाने में लगभग 1 घंटे लग गए.
आपको बताते चलें कि रांची-पटना मुख्य मार्ग एनएच 33 घाटी क्षेत्र में लगातार दुर्घटना हो रही है, लेकिन इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एनएचआई की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है. जिसके कारण घाटी क्षेत्र में दुर्घटना लगातार हो रही है. यदि आप घाटी क्षेत्र में प्रवेश करेंगे तो घाटी के बड़े-बड़े चट्टानों पर मौत की घाटी लिखा हुआ दिख जाएगा. बावजूद इसके एनएचआई इससे सीख लेने के बजाय दुर्घटना को कम करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.