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रामगढ़: सेंट्रल कोविड अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक नागेंद्र पंडित से खास बातचीत, फ्रंटलाइन योद्धा ने साझा किए अनुभव

रामगढ़ में सीसीएल अस्पताल को सेंट्रल कोविड अस्पताल बनाया गया है. रांची, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद और आसपास के जिलों के मरीज पहुंचकर अपना इलाज करा रहे हैं. इस बार कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी डॉ. नागेंद्र पंडित भी दिन रात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. ईटीवी भारत के साथ उन्होंने अब तक के अनुभव को साझा किया.

physician in charge of central covid hospital of ramgarh shared experience with etv bharat
रामगढ़: सेंट्रल कोविड अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक नागेंद्र पंडित से खास बातचीत, फ्रंटलाइन योद्धा ने साझा किया अनुभव

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Published : May 13, 2021, 10:07 AM IST

Updated : May 13, 2021, 12:12 PM IST

रामगढ़:कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो रही है. वायरस जिस अंदाज में आम आदमी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है, ठीक उसी तरह डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी भी इससे ग्रसित हो रहे हैं. बीते साल इस तरह की स्थिति नहीं थी, लेकिन इस साल पहले के मुकाबले चारों तरफ ज्यादा बुरा हाल देखा जा रहा है. हाल ही में झारखंड के रामगढ़ में सीसीएल के अस्पताल को सेंट्रल कोविड अस्पताल बनाया गया है. खास बात ये है कि यहां रामगढ़ ही नहीं, बल्कि रांची, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद और आसपास के जिलों के मरीज पहुंचकर अपना इलाज करवा रहे हैं. कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी डॉ नागेंद्र पंडित भी दिन रात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के साथ अपने अब तक के अनुभव को साझा किया.

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डॉक्टर नागेंद्र पंडित की सराहनीय भूमिका

यदि कोरोना के विकराल रूप में फ्रंट लाइन में काम करने वालों की बात करें, तो डॉक्टरों की भूमिका काफी अहम है. बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा भी हो रहा है. ऑक्सीजन और बेड की समस्या पूरे देश में देखने को मिल रही है.

इन संसाधनों के बीच कोरोना योद्धाओं का काम सराहनीय हैं. सेंट्रल कोविड अस्पताल के डॉक्टर नागेंद्र पंडित भी परिजनों से दूर रहकर अपने फर्ज को निभा रहे हैं. डॉक्टर नागेंद्र पंडित पिछले साल से ही कोविड- अस्पताल इंचार्ज हैं और लगातार कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए है.

उनकी टीम के सकारात्मक प्रयासों से गंभीर स्थिति में भर्ती हुए सैकड़ों संक्रमित मरीज पूरे स्वस्थ होकर अपने परिवार जनों के साथ हैं. खुद संक्रमित होने के खतरे के बावजूद इनका जज्बा सराहनीय है. नागेंद्र पंडित ने कहा कि सीसीएल नई सराय के लगभग 50% पैरा मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. बावजूद इसके ठीक होकर वो फिर से अपने काम में लग गए हैं, ताकि जो विश्वास लोगों का हम लोगों पर है वह कायम रहे.

अस्पताल की खासियत

उन्होंने बताया कि इस बार कैजुअल्टी ज्यादा होने के कारण पैनिक वाली स्थिति देखने को मिल रही है, जिसके कारण लोग अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं और कम सिम्टम्स वाले लोग भी अस्पताल में एडमिट हो जा रहे हैं. मजबूरन जरूरतमंदों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

इस बार कोविड-अस्पताल में मरीजों की संख्या का फ्लो बहुत ज्यादा है. सीसीएल नईसराय में ऑक्सीजन के कूलपैड 110 हैं, जिसमें 60 बेड हाईफ्लो ऑक्सीजन के हैं जिसमें 15 नए हैं. आईसीयू बेड भी शामिल हैं. शुरुआती दौर और अभी में यदि कंपैरिजन करें, तो हम लोग बहुत स्टेबल हो गए हैं.

691 मरीज स्वस्थ हुए

शुरुआती दौर में ऐसा लगा था कि 28 साल के करियर में हम हेल्पलेस महसूस कर रहे थे. पेशेंट का रुख हमारी ओर हो गया था और हमारे पास इतने संसाधन भी नहीं थे. हमारे इस अस्पताल में 863 मरीज एडमिट हुए हैं, जिसमें 691 मरीज स्वस्थ होकर अपने के घर लौट गए हैं कैजुअल्टी भी हुई हैं.

उन्होंने सभी से निवेदन किया है कि विपदा की इस घड़ी में संयम रखें. शुरुआती लक्षण दिखने पर जांच करवाएं. घर से निकलने से पहले फेस को पूरा ढक लें. बिना काम के घरों से बाहर ना निकले. उन्होंने ये भी कहा कि ये वायरल डिजीज है. दूसरी लहर में काफी तीव्रता है. तीसरी लहर को आने से हम रोक सकते हैं. जरूरत है कि संक्रमण की चेन को तोड़ना.

Last Updated : May 13, 2021, 12:12 PM IST

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