रामगढ़: झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है देश का प्रसिद्ध सिद्ध पीठ स्थल मां छिन्मस्तिका मंदिर. यहां चैत्र नवरात्र को लेकर मंदिर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है. नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की गई. जिसके बाद मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और मां का आशीर्वाद लिया.
चैत्र नवरात्र के मौके पर मां छिन्नमस्तिका मंदिर भव्य रूप से सजाया गया, फूलों के जरिए दिया गया केदारनाथ का स्वरूप
चैत्र नवरात्र के मौके पर शक्ति पीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर को फूलों से सजाया गया है. यहां पूजा करने आए श्रद्धालु भव्य सजावट को देखकर काफी खुश हैं. इस बार सजावट के जरिए मंदिर को केदारनाथ मंदिर का स्वरूप दिया गया है.
नवरात्र शुरू होते ही कोलकाता से आए 30 कारीगरों की टीम माता छिन्नमस्तिका मंदिर को फूलों से भव्य रूप देने में लगे हुए थे. इस सजावट में देसी विदेशी फूलों से पूरे मंदिर प्रक्षेत्र को सजाया गया है. मुख्य मंदिर को इस बार केदारनाथ मंदिर का प्रारूप दिया गया है. फूलों की सजावट से ऐसा लग रहा है कि मां भगवती और महादेव साक्षात यहां दिख रहे हों. इस अद्भुत दृश्य को देख भक्त मंत्रमुग्ध हो रहे है. रंग बिरंगे फूलों से मंदिर सजने के बाद पूरा क्षेत्र खुशबू से महक उठा है. चैत्र नवरात्र के पांचवे दिन दिन स्कंदमाता की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी.
मंदिर के वरिष्ठ पुजारी लोकेश पांडे ने बताया कि अरे सुबह ही मंदिर के पद को खोल दिया गया था, सुबह मंगल आरती के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के मंदिर पहुंचे. लोगों ने मां छिन्नमस्तिके देवी की विधिवत पूजा-अर्चना कर माता का आशीर्वाद ले रहे हैं. इसके अलावा भव्य तरीके से साज सज्जा के साथ लोग सेल्फी भी ले रहे हैं.
वहीं मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस बलों की तैनाती बड़ी संख्या में की गई है, ताकि मंदिर में पूजा करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो. मंदिर पीओपी प्रभारी उपेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसका ख्याल रखा जा रहा है. बुजुर्ग लोगों को वीआईपी गेट से माता का दर्शन करा दिया जा रहा था ताकि उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो. मान्यता है कि यह सिद्ध पीठ माता का जागृत मंदिर है. यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं और सच्चे मन से पूजा करते हैं. उनकी मनोकामना माता जरूर पूर्ण करती है.