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रामगढ़: विस्थापितों की समस्या को लेकर बैठक, अंबा प्रसाद ने हक दिलाने का दिया भरोसा

रामगढ़ में विस्थापितों की समस्या को लेकर बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने विस्थापितों को उनका अधिकार दिलाने का भरोसा दिलाया.

रामगढ़ में विस्थापितों की समस्या
Meeting on problem of displaced in Ramgarh

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Published : Feb 23, 2020, 10:59 AM IST

रामगढ़:जिले के पीवीयूएनएल गेस्ट हाउस में विस्थापितों की समस्या को लेकर बैठक की गई. इस दौरान बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने विस्थापितों को उनका अधिकार दिलाने का भरोसा दिलाया.

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पीटीपीएस के रैयतों को अधिकार

इस बैठक में विस्थापितों ने कहा कि 2016 से ही वे अपनी मांगों को पीवीयूएनएल के समक्ष रख रहे हैं, लेकिन आज तक पीटीपीएस के रैयतों को उनका अधिकार नहीं मिला है. कुछ दिन पहले ही ठेका 60 के मजदूरों को काम से निकाला गया था, जिसके बाद वे गेट पर धरना पर बैठ गए थे. बाद में उनको फिर रखा गया. लोगों ने विधायक से उन्हें उनका उधिकार दिलाने की अपील की. पीवीयूएनएल के सीईओ ने कहा कि 25 गांव के विस्थापित अपनी समस्या को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं और वे इस मामले को सकारात्मक रूप लेते हुए पहल कर रहे हैं.

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स्थानीय लोगों को रोजगार

सीईओ ने कहा कि वे जल्द ही इस समस्या का समाधान कर देंगे. मामले में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने पीयूवीएनएल को विस्थापितों की मांगों को नहीं सुनने को लेकर काफी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि हर हाल में स्थानीय लोगों को रोजगार देना होगा. विधायक ने विस्थापितों की कई मांगों को 1 सप्ताह के अंदर दूर करने का भी आश्वासन दिया, साथ ही जमीन का जो अब तक मुआवजा नहीं मिला है उस पर पीवीयूएनएल को सरकार से बात कर समस्या का समादान करने को कहा है.

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क्या है रैयतों की मांग

विस्थापितों की मांग है 25 गांव के रैयतों को नौकरी, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण 2013 लागू करने, अस्थाई व स्थाई रोजगार, ठेका कार्यों में विस्थापितों को प्राथमिकता, पतरातू थर्मल क्षेत्र में 50 से 60 सालों से रह रहे परिवारों को स्थापित करने, पीटीपीएस के ठेका मजदूरों को पीवीयूएनएल में समायोजित करने, रियाडा क्षेत्र के खाली जमीनों को विस्थापितों को वापस करने, प्लांट क्षेत्र के सभी धार्मिक स्थलों व सरना स्थल को सुरक्षित करने और सीएसआर योजना के तहत क्षेत्र में विकास कार्य को बढ़ाने.

पीवीयूएनएल की ओर से लगातार विस्थापितों को अनदेखा किया जा रहा है है, जिसे लेकर विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा लगातार आंदोलन कर रहा है. उनके आक्रोश से लगता है कि आने वाले दिनों में यहां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं देने पर आर-पार की लड़ाई हो सकती है.

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