रामगढ़ः एफडीआइ, निजीकरण और विनिवेश को लेकर श्रमिक संगठनों ने एक दिवसीय हड़ताल की है. हड़ताल में शामिल आरसीएसएस, एटक, सीटू, एचएमएस, एक्टू के पदाधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त किया. हड़ताल की वजह से रामगढ़ की कोलियरियों में उत्पादन ठप है.
सभी मजदूर नेताओं ने एफडीआई पर कहा कि कोयला उद्योग में शत-प्रतिशत एफडीआइ लागू करने से देश की ऊर्जा, सुरक्षा ही नहीं कोल इंडिया के मजदूरों के भविष्य पर भी खतरा है. श्रमिक संगठन अब आश्वासन नहीं, बल्कि निर्णय चाहते हैं. सरकार को एफडीआइ तुरंत वापस लेना होगा. सरकार और उच्च प्रबंधन मनमाने ढंग से निर्णय लेकर मजदूरों के हितों पर हाथ मार रही है. श्रमिक संघ ने कोयले में 100 प्रतिशत एफडीआइ को गलत फैसला बताकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और इसे वापस लेने और श्रमिक हित में काम करने की मांग की है. नेताओं का कहना है कि कोल प्रबंधन और सरकार सभी अधिनियमों को ताक पर रखकर निजी उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है.
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वहीं मजदूरों का कहना है कि यूनियनों की हड़ताल से कोल इंडिया में उत्पादन के साथ-साथ वर्कशॉप सीएमपीडीआई भी प्रभावित हुआ है. यदि रामगढ़ के परिपेक्ष में बात करें तो रामगढ़ जिले में पूरी तरह सीसीएल खदानें बंद हैं. कोई भी सीसीएलकर्मी काम पर नहीं गया है. कई जगहों पर लोगों का विरोध पहली बार देखने को मिल रहा है. सभी एकजुट होकर एफडीआइ का विरोध कर रहे हैं. कोल श्रमिकों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
दूसरी ओर थाना प्रभारी का कहना है कि बंदी को देखते हुए रामगढ़ जिले में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कई जगहों पर पुलिस बलों की तैनाती की गई है और पेट्रोलिंग भी की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो.