रामगढ़: भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में कोयले के स्टॉक में भीषण आग लग गई है. आग इतनी भयावह है कि आसपास के लोगों के साथ-साथ राहगीर भी डरे सहमे नजर आ रहे हैं. आग की लपटें 2 किलोमीटर दूर से ही दिख रही हैं. इससे पूरे इलाके में प्रदूषण फैल गया है.
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रामगढ़ के भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में रखे कोयला स्टॉक में भीषण आग लग गई है. इस आग में अब तक करीब 100 टन कोयला जल कर राख हो गया है. जानकारों के अनुसार केवल भुरकुंडा रेलवे सइडिंग में ही 40 हजार मीट्रिक टन से अधिक कोयले का स्टॉक है, लेकिन फिर भी यहां आग बुझाने के लिए कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. हालांकि दमकल की गाड़ियां आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं. आग की भीषण गर्मी के कारण कोई भी उसके आसपास नहीं जा पा रहा है, इसलिए ये कहना भी मुश्किल हो रहा है कि आग कितने क्षेत्र में फैला हुआ है. आग को नियंत्रित करने के लिए पोकलेन मशीन से कोयले के स्टॉक के किनारे वाले हिस्से को हटाकर दूसरी जगह रखा जा रहा है.
रेलवे साइडिंग में इकट्ठा कोयले के स्टॉक के कारण आसपास के इलाके में अमूमन पूरा क्षेत्र प्रदूषण युक्त रहता है और अब तो आसपास के पूरे इलाके के रहने वाले लोग इस आग और धुंए के कारण प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहे हैं. बता दें कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में विभिन्न कोलियरियों से ट्रक के माध्यम से कोयला लाकर साइडिंग में जमा किया जाता है. इसके बाद रेलवे रैक से देश के विभिन्न पावर प्लांट और फैक्ट्रियों में भेजा जाता है. इसी कारण विभिन्न कंपनियां रेलवे साइडिंग में स्टॉक रखी हुईं हैं. हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि आग लगने के कारण राख हुए कोयला का नुकसान की भरपाई कौन करेगा.
क्यो लगती है कोयले में आग:जानकर बताते है कि कोयला स्टॉक में आग लगने का कारण जब कोयला ऑक्सीजन के संपर्क में आता है तो ऑक्सीकरण प्रक्रिया शुरू हो जाती है और गर्मी उत्पन्न होती है. एक निश्चित सीमा तक तापमान बढ़ने से कोयला में आग लग जाती है. खासकर भीषण गर्मी के कारण भी इकट्ठा कोयला में आग लगने की घटना काफी बढ़ जाती है.