रामगढ़:झारखंड में लगातार कई महीनों से चार पहिया वाहनों की लूट की वारदात चल रही थी. रामगढ़ जिला में भी नशा खुरानी कर चार पहिया वाहन चोर गिरोह ने जिले से कुल चार गाड़ियों की लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इस पूरे मामले में रामगढ़ एसपी पीयूष पांडे ने एसआईटी का गठन किया था. जिसमें रामगढ़ थाना के सब इंस्पेक्टर विनय कुमार के नेतृत्व में एसआईटी टीम ने टेक्निकल टीम की मदद से मास्टरमाइंड सहित नशा खुरानी कर वाहन लूट की घटना को अंजाम देने वाले अंतर जिला गिरोह के 8 सदस्यों को 5 लग्जरी चार पहिया वाहन के साथ गिरफ्तार किया है (Car thief gang arrested in Ramgarh).
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महज कुछ हजार में बेच देते थे लाखों की गाड़ियां: गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि झारखंड ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों में भी वे इस तरह की वारदात को अंजाम देते थे. फिर चोरी की गई गाड़ियों को रांची या लोहरदगा के गैरेज में नकली कागज और नंबर प्लेट लगाकर सस्ते दामों में बेच देते थे. उन्होंने लाखों की कई कार को महज 60 से 90 हजार में बेच दिया है. इनकी गिरफ्तारी के बाद से झारखंड ही नहीं बल्कि बिहार और आसपास के राज्यों की भी पुलिस ने राहत की सांस ली है. उन्होंने उम्मीद जताई है अब इस तरह वारदात में कमी जरूर आएगी.
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम:
- अमित सोंधी उर्फ चिंटू, थाना-कोर्रा, जिला-हजारीबाग
- मोहम्मद इरशाद अंसारी, थाना-ओरमांझी, जिला-रांची
- मोहम्मद फरहान राय, थाना-कुडू, जिला-लोहरदगा
- एहसान अंसारी, थाना-पिठोरिया, जिला-रांची
- अमान अंसारी, थाना-गोला, जिला-रामगढ़
- बबलू कुमार उर्फ शहदेव बहादुर उर्फ नेपाली, थाना-रामगढ़, जिला-रामगढ़
- समीद अंसारी, थाना-पिठोरिया, जिला-रांची
- रेयाज अहमद, थाना-पिठोरिया, जिला-रांची
लूटी गई पांच गाड़ियां बरामद नशा देकर लूटी थी गाड़ियां:रामगढ़ एसपी पीयूष पांडे ने बताया कि नशा खिलाकर वाहन चोरी की घटना कुज्जु और रामगढ़ थाना क्षेत्र में घटित हुई थी. उसको लेकर एसआईटी टीम का गठन किया था. एसआईटी टीम ने सूचना के आधार पर वाहन चोर गिरोह के एक मास्टरमाइंड सरगना को रामगढ़ से गिरफ्तार किया और जब पूछताछ की तो एक-एक कर 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इनकी निशानदेही पर पांच गाड़ियों को जब्त किया गया है. इन सभी गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाए गए हैं. साथ ही फर्जी कागजात भी बनाए गए हैं. अंतरजिला चोर गिरोह की पूरी तरह सक्रिय थी. सबका अलग अलग काम फिक्स था. कोई कार चोरी करता था. कोई कागजात बनाता था और कोई इसे बेचता था. इनमें से कई लोग पहले भी जेल जा चुके हैं.