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प्रदूषण पर लगाम की कवायद, संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण उपकरण चालू करने का अल्टीमेटम - राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

रामगढ़ में बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. सोमवार को डीसी स्पंज प्लांट संचालकों को फैक्ट्री में प्रदूषण नियंत्रण उपकरण 20 मार्च तक लगाने का अल्टीमेटम दिया है.

DC showed toughness on sponge plant operators due to increasing pollution in Ramgarh
डीसी

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Published : Mar 16, 2021, 7:37 AM IST

रामगढ़ः जिला में स्पंज प्लांट की ओर से प्रदूषण संबंधित मानकों का नहीं पालन करने और प्रदूषण नियंत्रण उपकरण नहीं लगाने की लगातार शिकायत पर डीसी ने सोमवार को विभिन्न कारखाना संचालकों के साथ बैठक की. बढ़ते प्रदूषण और प्रदूषण नियंत्रण उपकरण के सुचारू रूप से संचालन ना होने के भी शिकायतों की चर्चा की गई. रामगढ़ उपायुक्त ने जिला के विभिन्न कारखानों के प्रतिनिधियों कई दिशा-निर्देश दिए.

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ईटीवी भारत की खबर पर प्रशासन का संज्ञान

पिछले दिनों ईटीवी भारत ने लपंगा में स्थित वेंकटेश आयरन स्पंज प्लांट से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण के संबंध में खबर प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद उपायुक्त ने रामगढ़ में प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर पर अब सख्ती करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कारखाना संचालकों को सभी नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी है.

जिला समाहरणालय सभागार में बैठक के दौरान उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि प्रशासन की ओर से जिला के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में कराई गई जांच में सामने आया है कि ज्यादातर कारखानों में केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में जिला प्रशासन पहले भी सभी कारखानों को प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने के संबंध में सख्त आदेश दिए गए हैं. इसके बाद भी जिला के सभी कारखानों को 20 मार्च तक का और समय दिया जा रहा है. प्रदूषण रोकने के लिए फैक्ट्रियों की ओर से कदम ना उठाए जाने पर उनके विरुद्ध इंवॉरमेन्टल प्रोटेक्शन एक्ट और आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उपायुक्त ने सभी कारखानों के प्रतिनिधियों को कहा कि केंद्रीय राज्य प्रदूषण नियंत्रण और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार संबंधित श्रेणी में आने वाले सभी कारखानों को उनके कारखानों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑनलाइन डिस्प्ले मॉनिटर और सभी उपकरणों की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोर्टल से टैगिंग अनिवार्य है. इसके साथ ही सभी कारखानों के सीटीओ में दर्शाई गई शर्तों का भी अनिवार्य रूप से पालन किया जाना है.

प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के लिए कारखाने में अलग से विद्युत मीटर लगाने का निर्देश दिया गया. सख्त निर्देश दिया कि वो सुनिश्चित करें कि उनके कारखानों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल का निष्पादन कारखाना परिसर के अंदर ही किया जाए. किसी भी हालत में वेस्ट मटेरियल कारखाने के बाहर या अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में ना डंप किया जाए. प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का प्रत्येक 6 माह में कैलिब्रेशन कराने का भी निर्देश उपायुक्त ने दिया.

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