रामगढ़: विश्व प्रसिद्ध रजरप्पा के छिन्नमस्तिके मंदिर में कार्तिक अमावस्या को भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने मंदिर पहुंचे. 13 हवन कुंडों में दुर्गा सप्तशती का पाठ और 13 बलि देकर मां की आराधना की गई. " सकलि तुम्हरी इच्छा, इच्छा मोई तारा तुमि, तुमार कर्म तुमि करो मां, लोके बोले कोरि आमि " मंत्र पूरे मंदिर प्रक्षेत्र में रात भर गूंजता रहा.
ये भी पढ़ें- आज है गोवर्धन पूजा, यहां जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
रात भर खुला रहा मां का दरबार
मान्यताओं के मुताबिक कार्तिक अमावस्या के दिन रात मां छिन्नमस्तिका का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है. दस सिद्धपीठों में से छठे सिद्धपीठ के रूप में माना जाने वाला ये मंदिर भगवान विश्वकर्मा द्वारा निर्मित है. यह सिद्धपीठ देश में कामरूप कामाख्या के बाद तंत्र साधना का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है. कार्तिक अमावस्या को तंत्र साधना और सिद्धि के लिए साधक मंदिर पहुंचकर मां की अराधना करते हैं.