रामगढ़: जिले के संवेदक संघ की तरफ से नगर परिषद कार्यालय के बाहर 6 सूत्री मांगों को लेकर 72 घंटे का धरना प्रदर्शन शुरू किया. जिले के सैकड़ों छोटे-बड़े संवेदक धरने में शिरकत कर रहे हैं. उनकी मांग है कि जो पहले टेंडर डालने के नियम थे उसे बहाल किया जाए और 50 लाख रुपये तक की निविदा को ऑफलाइन किया जाए, जोकि अन्य विभागों में लागू है.
72 घंटे का सांकेतिक धरनासंवेदक नगर परिषद विभाग में किए गए टेंडर के बदलाव को लेकर रामगढ़ नगर परिषद के बाहर 72 घंटे का सांकेतिक धरना पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि 50 लाख की तक की निविदा को अन्य विभाग की तर्ज पर ऑफलाइन करने, डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड को अन्य विभाग की तर्ज पर 1 वर्ष करने, भवन निर्माण से संबंधित कार्य को समय अवधि लगभग 6 माह करने एवं कार्य योजना के भौतिक स्थिति के अनुरूप काम कराने के संबंध में है.
नगर परिषद में कई ऐसी योजनाएं हैं जिनका विभाग की तरफ से भौतिक निरीक्षण नहीं किया जाता है और संवेदक जब कार्य को धरातल पर उतारने के लिए कार्यस्थल पहुंचते हैं तब उन्हें पता चलता है कि 1 किलोमीटर की रोड की जगह 500 मीटर की ही रोड बनानी है, जबकि सिक्योरिटी मनी 1 किलोमीटर रोड की जमा होती है. साथ ही साथ अन्य टैक्स भी 1 किलोमीटर रोड की राशि के हिसाब से ही सरकार को देना पड़ता है, जिसके कारण संवेदक की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ गुणवत्ता भी खराब होने की संभावना बनी रहती है.
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रामगढ़ संवेदक संघ के अध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा कि यह एक सांकेतिक धरना है. अगर हम लोगों की मांग जल्द नहीं मानी जाती है तो आने वाले दिनों में हम सभी संवेदक नगर परिषद में निकलने वाले टेंडर का विरोध करेंगे. साथ ही साथ आसपास के जिले के भी लोग टेंडर नहीं डालेंगे, जिससे विकास का काम प्रभावित होगा.