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रामगढ़ः कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धरना एसडीओ के आश्वासन के बाद समाप्त, 15 दिनों में समाधान का मिला भरोसा - रामगढ़ समाचार

रामगढ़ में अंचलाधिकारी की कार्यशैली को लेकर धरना पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता और प्रवक्ताओं का धरना समाप्त हो गया है. दरअसल, कांग्रेसी अंचलाधिकारी को पद से हटाने की मांग कर रहे थे. वहीं, मामले में एसडीओ ने कांग्रेसियों से वार्ता की है और जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

Congress strike end after SDO assurance
एसडीओ से वार्ता

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Published : Jan 3, 2021, 11:44 AM IST

Updated : Jan 3, 2021, 12:04 PM IST

रामगढ़:अंचल कार्यालय गेट के बाहर अंचलाधिकारी भोला शंकर महतो की कार्यशैली को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता और कांग्रेस प्रवक्ता धरने पर देर रात तक बैठे रहे. बाद में एसडीओ ने वहां पहुंचकर कांग्रेसियों से वार्ता कर 15 दिनों में मामले का सही से निष्पादन करने का आश्वासन दिया. तब जाकर कांग्रेसियों ने धरना समाप्त किया. उनका कहना है कि महागठबंधन की हेमंत सरकार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात पदाधिकारी नहीं सुन रहे हैं.

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इसी मामले में जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता रामगढ़ अंचलाधिकारी की कार्यशैली को लेकर धरना पर बैठे थे, लेकिन बात बढ़ता देख जिले के पदाधिकारी के साथ-साथ राज्य के कई कद्दावर नेता ने धरना खत्म कराने को लेकर पहल की तब जाकर रामगढ़ एसडीओ ने कांग्रेसियों से वार्ता कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया और इसी आश्वासन पर कांग्रेसियों ने देर रात धरना खत्म किया.

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प्रदेश प्रवक्ता सज्जाद अनवर ने कहा कि लोगों का सही काम भी जिलाधिकारी नहीं कर रहे हैं, इसको लेकर ही उन लोगों को धरना देना पड़ा लेकिन एसडीओ के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया गया. वहीं, अगर 15 दिनों में लोगों की समस्या का समाधान नहीं होता है तो दोबारा कांग्रेसी आंदोलन जरूर करेंगे.

कांग्रेसियों का धरना

धरने का मुख्य कारण अंचलाधिकारी को हटाने की मांग थी. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस पदाधिकारी को जनता का काम नहीं करना है और रामगढ़ में जिन्हें तकलीफ हो रही है वह खुद रामगढ़ छोड़कर चले जाए.

पूरे मामले में एसडीओ ने कहा कि मामले की जानकारी के बाद भी यहां पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बात की और कहा कि 15 दिनों में लंबित मामलों को निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा, अगर सही मामला है तो उसका निष्पादन भी जरूर होगा.

हालांकि, रामगढ़ अंचलाधिकारी पर इस तरह कई बार आंदोलन और लोगों का आक्रोश दिखा है लेकिन आज तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जो भी कार्रवाई की जाती है उसे स्थगित कर दिया जाता है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि सरकार में शामिल सत्ताधारी दल के लोगों की वार्ता आमलोगों के लिए कितनी कारगर साबित होती है.

Last Updated : Jan 3, 2021, 12:04 PM IST

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